शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
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हिट एंड रन विवाद से मप्र में 5 लाख वाहनों के चक्के थमे, सैकड़ों रूटों पर असर

एमपी, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र समेत देशभर के 10 राज्‍यों पर असर

hit and run law strike
Hit and run law strike : नए कानून में ‘हिट एंड रन’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक चालकों की हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में करीब 5 लाख छोटी-बड़ी गाड़ियों के चक्के थम गए हैं, जिससे आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। आम यात्रियों का सफर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। वहीं इंदौर से लेकर देवास और पीथमपुर के उद्योग जगत को भी भारी नुकसान हो रहा है। मध्‍यप्रदेश समेत राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, जम्‍मू कश्‍मीर, गुजरात समेत 10 राज्‍यों में चलने वाली बसों का सफर पूरी तरह से ठप हो गया है।

अगर सिर्फ इंदौर की बात करें तो यहां के 4 प्रमुख बस स्‍टैंड से चलने वाली सैकड़ों बसें थमी हुई हैं। इनमें प्राइम और उपनगरीय रूटों की बसें भी शामिल हैं। बसों के चक्‍के थमने से बस संचालकों को रोजाना हजारों रुपए प्रति बस चपत लग रही है। वहीं लाखों यात्रियों का सफर खराब हो गया है। यह तो सिर्फ इंदौर से चलने वाली बसों का हाल है, प्रदेश की बात करें तो पूरे मध्‍यप्रदेश में करीब 5 लाख बसों के चक्‍के थम गए हैं। इनमें ट्रक भी शामिल हैं, जो हड़ताल का हिस्‍सा हैं। हालांकि हंस, सिटीजन ट्रेवल्‍स की कुछ लंबी दूरी की बसें चालू हैं। जैसे मुंबई और पुणे। इन रूटों के लिए बुकिंग की जा रही है।

वेबदुनिया ने हड़ताल की वजह से बसों, बस संचालकों और यात्रियों पर होने वाले असर पर ये पूरी पड़ताल की है। जानिए क्‍या है हड़ताल से पूरी प्रदेश में होने वाला असर और नुकसान।

सैकड़ों बसें थमी, लाखों का नुकसान : उप नगरीय बस एसोसिएशन के अध्‍यक्ष रितेश पाल ने वेबदुनिया को बताया कि इंदौर से देवास, इंदौर से महू चलने वाली सभी बसें बंद हैं। उन्‍होंने बताया कि इंदौर- उज्‍जैन प्राइम रूट पर चलने वाली बसें भी बंद हैं। बता दें कि इंदौर से देवास के बीच 50 से ज्‍यादा बसें चलती हैं। इसके अलावा करीब 30 से 40 बसें इंदौर से महू के लिए चलती हैं। इस तरह इन दोनों रूट पर 80 से 90 बसें थमी हुई हैं। वहीं, इंदौर से उज्‍जैन (प्राइम रूट) चलने वाली 70 बसों के चक्‍के भी थमे हुए हैं।

अप-डाउनर्स भी परेशान : बता दें कि इन सभी रूटों पर रोजाना हजारों यात्री अपडाउन करते हैं, जबकि सामान्‍य आवाजाही वाले यात्रियों की संख्‍या भी हजारों में है। ऐसे में बड़े पैमाने पर इन रूटों पर यात्री प्रभावित हुए हैं। जबकि बस संचालकों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

ठप हुआ प्रदेशभर का सफर : दिनेश पटेल मैनेजर, गंगवाल बस स्‍टैंड इंदौर ने वेबदुनिया को बताया कि कोटा, जयपुर नलखेड़ा, उज्‍जैन, महिदपुर, देवास, शाजापुर, ब्‍यावरा, राजगढ, भोपाल, सागर, जबलपुर, टीकमगढ, सतना, रीवा, खंडवा, जालना बुरहानपुर, शेगांव, ओंकारेश्‍वर, सनावद, महेश्‍वर, मंडलेश्‍वर, खरगोन मनावर, कुक्षी, बड़वानी समेत कई शहरों के लिए बसें बंद हैं। पटेल ने बताया कि 25 से 30 हजार यात्री प्रभावित हुए हैं।

सबसे ज्‍यादा सरवटे बस स्‍टैंड प्रभावित : गोविंद शर्मा, अध्‍यक्ष, सरवटें बस स्‍टैंड एसोसिएशन इंदौर ने बताया कि बस का सफर रुकने से न सिर्फ यात्री बल्‍कि बस संचालकों का धंधा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। उन्‍होंने बताया कि सरवटे बस स्‍टैंड से 550 बसें संचालित होती हैं। इन बसों में रोजाना करीब 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं। शर्मा ने बताया कि एक बस अगर रूकती है तो बस संचालक को प्रति दिन एक बस का 4 हजार रुपए का नुकसान होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैकड़ों बसें थमने से कितना घाटा हो रहा है।

कहां से कितने यात्री सफर करते हैं?
  • सरवटे से रोजाना 30 से 35 हजार यात्री जाते हैं
  • गंगवाल बस स्‍टैंड से रोजाना 25 से 30 हजार यात्री सफर करते हैं।
  • नवलखा से करीब 10 हजार यात्री सफर करते हैं।
  • जिंसी हाट से 8 हजार तक यात्री सफर करते हैं।
  • उपनगरीय बसों में रोजाना सैकड़ों यात्री अप-डाउन करते हैं।
कहां से कितनी बसें चलती हैं?
  • सरवटे बस स्‍टैंड से 550 बसें
  • गंगवाल बस स्‍टैंड से रोजाना 250 बसें
  • नवलखा बस स्‍टैंड से 250 बसें
  • जिंसी हाट मैदान से 200 बसें  
  • इंदौर में रोड साइड से चलने वाली 300 बसें
  • उपनगरीय रूट की 150 बसें
एक बस का 4 हजार का नुकसान रोज का
सरवटे से रोजाना 30 से 35 हजार यात्री जाते हैं

5 लाख वाहन थमे : ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने बताया कि नए कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्यप्रदेश में लगभग 5 लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को ‘हिट एंड रन’ के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए।

इंदौर में पेट्रोल पंपों पर कतारें : चालकों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य के सबसे बड़े शहर इंदौर में सोमवार को पेट्रोल पंपों पर लोगों की लम्बी कतारें नजर आई। इसके बाद हरकत में आया प्रशासन तेल विपणन कंपनियों के डिपो से पेट्रोल पंपों तक टैंकरों का नियमित परिचालन बहाल करके ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति बरकरार रखने के प्रयासों में जुटा है। पंपों पर सोमवार से लेकर मंगलवार तक लंबी कतारें देखी गई।

क्‍या कहा कलेक्‍टर ने : इंदौर के कलेक्‍टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने कहा कि जिले में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इन ईंधनों की सतत आपूर्ति की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि चालकों की हड़ताल से इंदौर में लोक परिवहन साधनों के साथ ही शहर से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है।

क्‍या होगा असर : कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि अगर चालकों की हड़ताल जारी रही, तो आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति की स्थिति और बिगड़ेगी जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इसलिए सरकार को हिट एंड रन के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर एक बार फिर विचार करना चाहिए।

क्‍या है पूरा मामला : भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।