हरिवंश ने कहा, मतभेदों के समाधान के लिए बीच का रास्ता निकालेंगे
नई दिल्ली। राज्यसभा के नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश ने कहा है कि विभिन्न विषयों पर सदस्यों के विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन वे बीच का रास्ता निकालकर सदन को सुचारू ढंग से चलाने का प्रयास करेंगे। उच्च सदन का उपसभापति निर्वाचित होने के बाद हरिवंश ने उन्हें समर्थन देने के लिए सदस्यों का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि सदन ने उनमें विश्वास जताकर उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, वह उसका पूरी निष्पक्षता और अपेक्षानुसार निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर सदस्यों में मतभेद हो सकता है लेकिन सभी सदस्य अनुभवी और वरिष्ठ हैं, उनसे बात कर बीच का रास्ता निकालकर ही वे सदन को सुचारू ढंग से चलाने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार, नेता सदन अरुण जेटली, संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित सभी सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली सदन के उपसभापति पद पर आसीन होना उनके लिए गौरव की बात है और सदस्यों के विचारों से वे भावविभोर हैं।
हरिवंश ने कहा कि वे दूरदराज के गांव में अभाव के जीवन से अपना सफर शुरू कर इस पद तक पहुंचे हैं। अपने गांव के जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां लोगों का जीवन दीए की रोशनी में ही चलता था और लंबे समय बाद उन्हें बिजली की रोशनी देखने को मिली थी।
उन्होंने कहा कि वे खुद पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते थे। सांसद से पहले के अपने कार्य और जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने 40 साल नौकरी की, जिसमें से 32 वर्ष पत्रकारिता की।
उपसभापति ने कहा कि महान नेता जयप्रकाश नारायण के गांव में जन्म लेने के कारण उन्होंने उन्हें अच्छी तरह से समझा और जाना है। वे उनके आदर्शों को ध्यान में रखकर काम करते रहे हैं और आगे भी इसी दिशा में काम करेंगे। (वार्ता)