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Last Updated : शुक्रवार, 11 अगस्त 2023 (16:37 IST)

जीरो FIR, मॉब लिंचिंग से लेकर मृत्‍युदंड तक, बदलेगा राजद्रोह कानून, गृहमंत्री अमित शाह के भाषण की 15 बड़ी बातें

जीरो FIR, मॉब लिंचिंग से लेकर मृत्‍युदंड तक, बदलेगा राजद्रोह कानून, गृहमंत्री अमित शाह के भाषण की 15 बड़ी बातें - From zero FIR, mob lynching to death penalty, sedition law will change
Bill amendment : लोकसभा में शुक्रवार को मानसून सत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीसी (CRPC) अमेंडमेंट बिल पेश किया। नए बिल में कई तरह के प्रावधानों में बदलाव किया गया है। चार्जशीट दाखिल करने से लेकर जीरो एफआईआर और फॉरेसिंग जांच आदि के मामले में कई बदलाव करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही उम्र कैद, मौत की सजा और दुष्‍कर्म के मामलों से लेकर मॉब लिंचिंग तक के मामलों में फेरबदल करने की बात की गई है। आइए जानते हैं गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा की बड़ी बातें।

क्‍या कहा अमित शाह ने : अमित शाह ने कहा कि बिल की मदद से अंग्रेजों के काल में बनाए गए इन पुराने कानूनों में व्‍यापक बदलाव हो सकेगा। शाह ने कहा कि करीब 4 सालों तक इन पर गहरा विमर्श किया गया है और अंग्रेजों के जमाने के कानून अब भारत में नहीं चलेंगे।

गृहमंत्री ने कहा कि गुलामी की निशानी से भरे इन कानूनों को हम हटा रहे हैं और दंड देने वाले नहीं, बल्कि न्याय दिलाने वाले कानून ला रहे हैं। ये नए कानून संसद की गृह मामलों की स्‍टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा। बता दें कि आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1898, इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 ये तीनों अंग्रेजों द्वारा लाए गए कानूनों को हटाकर अब भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 कानून लाए गए हैं।

सबको न्‍याय हमारा मकसद : अमित शाह ने कहा कि सबको न्याय देना उद्देश्य है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं इससे लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी। 2019 से ही मोदी जी ने कहा था कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून को आज के समय के मुताबिक बनाया जाएगा। इसके लिए सभी हाईकोर्ट, यूनिवर्सिटी, सुप्रीम कोर्ट, आईएएस, आईपीएस, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सासंद, विधायक, लॉ यूनिवर्सिटी आदि को पत्र लिखकर कंसल्टेशन कर विचार विमर्श किया गया है।

जीरो एफआईआर : जीरो एफआईआर को मजबूत किया जाएगा। कोई भी शख्‍स कहीं से भी जीरो एफआईआर करा सकता है।

स्‍टेटस रिपोर्ट : यौन उत्‍पीड़न की पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्ड‍िंग अनिवार्य होगी। 90 दिन में उसकी स्‍टेटस रिपोर्ट भेजनी होगी।

सुनवाई : 7 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले मामलों में पीड़िता को सुने बिना उस केस को खत्‍म नहीं किया जा सकेगा।

रिपोर्ट : अपराध की रिपोर्ट को 15 दिन में संबंधित थाने को भेजना होगा।

चार्जशीट : 90 दिन में आरोप की चार्जशीट फाइल करनी होगी। सिविल सर्वेंट के खिलाफ पुलिस को चार्जशीट के लिए अनुमति लेनी होगी।

हिरासत : पुलिस अगर किसी को हिरासत में लेती है तो उस शख्‍स के परिवारवालों को ऑनलाइन और कागजी रूप में सूचना देना होगी।

भगोड़े अपराधी : दाऊद इब्राहिम जैसे भगोड़े अपराधी की अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और सजा भी दी जाएगी।

मॉब लिंचिंग : मॉब लिंचिंग को लेकर भी कानून सख्‍त किया गया है और ऐसे अपराध में दोषी सिद्ध होने पर आरोपी को मृत्युदंड की सजा तक का प्रावधान है।

मौत की सजा : मौत की सजा वाले अपराधियों को आजीवन में बदलाव हो सकता है, लेकिन ऐसे अपराधियों को किसी भी तरह छोड़ा नहीं जाएगा।

राजद्रोह : राजद्रोह को कमप्लीट खत्म किया जा रहा। पहली बार टेररिज्म की व्याख्या और संपति को जब्त किया जाएगा। कोर्ट ऑर्डर करेगा पुलिस नहीं करेगी।

दुष्‍कर्म : बलात्कार पर 20 साल की कैद का नियम और 18 साल की कम उम्र की बच्ची से बलात्कार पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है।

वीडियो रिकॉर्डिंग : अब सर्च और जब्‍ती के दौरान वीडियो रिकॉर्ड जरूरी होगी। इन नए कानून का लक्ष्‍य दोषी सिद्धि को 90 प्रतिशत से ऊपर तक ले जाना है।

फॉरेंसिक जांच : 7 साल या उससे ज्‍यादा की सजा वाले अपराधों के क्राइम साइट पर फॉरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा।

जब्‍त वाहन : थानों में टूटी फूटी गाड़ियों का ढेर खत्म होगा। उसको वीडियोग्राफी करके इनको डिस्पोज ऑफ किया जाएगा।
Edited By navin rangiyal
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