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Last Modified: शनिवार, 17 अगस्त 2024 (11:54 IST)

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं गुटबाजी से निपटना कांग्रेस की बड़ी चुनौती?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं गुटबाजी से निपटना कांग्रेस की बड़ी चुनौती? - Factionalism in Haryana Assembly elections a big challenge for Congress
चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। राज्य की सभी 90 सीटों पर एक अक्टूबर को एक चरण में मतदान होगा वहीं 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। हरियाणा का विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प है। राज्य में जहां भाजपा तीसरी बार सत्ता में वापसी कर हैट्रिक लगाना चा रही है तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस बार भाजपा के खिलाफ एंटी इंकंमबेंसी का फायदा उठाना चाह रही है। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस ने 5 सीटें जीतकर भाजपा को तगड़ी पटखनी दी थी। अगर वोट प्रतिपश को देखे तो उसे मिले 43 फीसदी वोट प्रतिशत उसकी विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदें बढ़ाती है।

गुटों में बंटीं हरियाणा कांग्रेस- हरियाणा विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस अपने लिए मौका देख रही हो लेकिन राज्य में कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी उस पर भारी पड़ सकती है। राज्य में पूरी पार्टी दो अलग अलग धड़ों में बंटी हुई नजर आ रही है। दरअसल में राज्य में कांग्रेस के एक गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर रहे है तो दूसरे गुट की अगुवाई सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा कर रही है। दिलचस्प बात यह है पार्टी के सीनियर नेता रणदीप सुरजेवाला खुलकर कुमारी सैलजा का सपोर्ट कर रहे है।

सीएम का चेहरा बनने की होड़-राज्य में विधानसभा चुनाव में तारीखों के एलान के बाद अब राज्य में कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच सीएम का चेहरा बनने की दौड़ शुरु हो गई है। तारीखों के एलान के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक उन्हें सीएम का चेहरा बनाने की मांग कर रहे है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी का पूरा सपोर्ट है। पिछले दिनों भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात को उनके विधानसभा चुनाव में फ्री हैंड मिलने के तौर पर देखा जा रहा है। हुड्डा के पक्ष में सबसे खास बात उनका संगठन पर कब्जा होना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी हुड्डा गुट से आते है। 

वहीं सिरसा से सांसद और सीएम पद की दावेदारी ठोक रही कुमारी सैलजा भी अब तारीखों के एलान के साथ एक्टिव नजर आ रही है। उनके समर्थक कुमारी शैलजा को सीएम का चेहरा बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैह। वहीं कुमारी शैलजा विधानसभा चुनाव में अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाकर विधानसभा चुनाव में सीएम का चेहरे की अपनी दावेदारी मजबूत करना चाह रही है। यहीं कारण है कि उन्होंने भी पिछले दिनों सोनिया गांधी से मुलाकात की।

गुटबाजी रोकने में आलाकमान नाकाम- हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी अब दिल्ली तक पहुंच गई है। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई महासचिवों, प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की मीटिंग में सांसद कुमारी सैलजा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान एक दूसरे से भिड़ गए। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं तक होने लगी। सैलजा ने उदयभान पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। वहीं पार्टी के दोनों गुट के नेता एक दूसरे पर जमकर कटाक्ष कर रहे है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जिस तरह से कांग्रेस नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आरोप प्रत्यारोप देखने को मिला उसको लेकर सियासत गर्मा गई। हलांकि सोशल मीडिया पोस्ट को फर्जी बताया गया है और इसको लेकर साइबर थाने में शिकायत दर्ज की गई।
 
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