नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति से निपटने के प्रयास के तहत एक बार फिर से सम-विषम योजना लागू करने का फैसला किया गया है। यह योजना 13 नवंबर से 5 दिन के लिए लागू होगी और इससे महिला चालकों और दोपहिया वाहनों को बाहर रखा गया है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह योजना सुबह 8 से रात 8 बजे तक प्रभावी रहेगी और अतिविशिष्ठ लोगों के अलावा महिला चालक एवं दोपहिया चालक इसके दायरे से बाहर होंगे।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले साल की तरह इस बार भी छूट होगी और लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’ मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सम-विषम के समय कैब सेवा प्रदाता कंपनियों को किराए में बढ़ोतरी की इजाजत नहीं देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल ओला और उबर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सम-विषम के दौरान अधिक किराया नहीं लिया जाए।’
सम-विषम योजना के तहत सम तारीख वाले दिन को निजी वाहन चलेंगे जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या सम होगी तथा विषम तारीख वाले दिन उन वाहनों को चलाने की इजाजत होगी जिनकी संख्या विषम होगी।
साल 2016 में एक जनवरी से 15 जनवरी और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सम-विषम योजना दो चरण में लागू की गई थी।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति आज भी खतरनाक बनी रही। जहरीली हवा की चादर पूरे आलम में पसरी रही। अगले 48 घंटों में यही स्थिति बने रहने की आशंका है।
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह दिल्ली और इसके आसपास के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
सरकार के अनुसार राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपालों, प्रधान न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त लोगों छूट रहेगी।
दूतावासों और उच्चायोगों के वाहन भी सम-विषम योजना के दायरे में नहीं आएंगे। बहरहाल, दिल्ली सरकार ने अपने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को किसी तरह की छूट नहीं दी है।
जिन वाहनों में सिर्फ महिलाएं होंगी, उनको छूट होगी। महिला के साथ 12 साल तक बच्चे के रहने की स्थिति में भी छूट दी गई है। दिव्यांग वाहन चालकों को इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। पीली नंबर प्लेट वाले वाणिज्यिक वाहन भी इसके दायरे में नहीं है।
सम-विषम योजना का उल्लंघन करने वाले को 2,000 रुपए का हर्जाना देना होगा। दिल्ली पुलिस, परिवहन विभाग और एसडीएम तैनात होंगे ताकि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
दिल्ली सरकार ने डीटीसी को निर्देश दिया कि वह निजी ठेकेदारों से 500 बसें ले ताकि सम-विषम के दौरान यात्रियों की संख्या बढ़ने की स्थिति को संभाला जा सके।
गहलोत ने कहा, ‘दिल्ली मेट्रो ने भी सम-विषम की अवधि के दौरान 100 छोटी बसें देने का वादा किया है। स्कूल स्वेच्छा से अपनी बसें मुहैया कराने के लिए स्वतंत्र हैं। बहरहाल, कोई अनिवार्यता नहीं होगी।’ सीएनजी वाहनों को छूट होगी, लेकिन उन पर स्टीकर लगा होना चाहिए। ए स्टीकर कल दिन में दो बजे से दिल्ली के 22 आईजीएल स्टेशनों पर मिलेंगे।
मंत्री ने कहा, ‘पिछले सम-विषम के दौरान जारी किए गए स्टीकर भी मान्य होंगे।’ सूत्रों का कहना है कि सम-विषम के दौरान करीब 5,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवी तैनात रहेंगे तथा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए करीब 400 पूर्व सैनिकों की भी सेवा ली जाएगी। (भाषा)