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Last Updated :मुंबई , गुरुवार, 31 अगस्त 2023 (23:48 IST)

इंडिया की पहले दिन की बैठक में समन्वय समितियों और सीटों के बंटवारे पर जोर

इंडिया की पहले दिन की बैठक में समन्वय समितियों और सीटों के बंटवारे पर जोर - Emphasis on coordination committees and distribution of seats in India first day meeting
India alliance meeting

India alliance meeting in Mumbai: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के शीर्ष नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिहाज से ठोस खाका खींचने और घटक दलों के बीच सहयोग पर विचार-विमर्श करने के लिए बृहस्पतिवार शाम को यहां अनौपचारिक बैठक की।
 
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से आयोजित रात्रिभोज से पहले ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के नेताओं ने अनौपचारिक मुलाकात की। समझा जा रहा है कि इस बातचीत में शुक्रवार को होने वाली औपचारिक बैठक का एजेंडा तय किया जा सकता है।
 
तैयार होगी भविष्य की रणनीति : शुक्रवार को होने वाली ‘इंडिया’ की बैठक में भविष्य की रणनीति को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार शाम को कहा कि गठबंधन के नेता शुक्रवार को होने वाली बैठक में सीट-बंटवारे के तौर-तरीकों, समन्वय समिति और साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने पर चर्चा करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि 1977 में भी इसी तरह का प्रयोग किया गया था और यह उसी तरह का प्रयास है। 1977 में इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दल साथ आए थे। बृहस्पतिवार को बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां ग्रांड हयात होटल के परिसर में संवाददाता सम्मेलन करके अडाणी मुद्दा उठाया। ‘इंडिया’ के नेताओं की बैठक इसी होटल में हो रही है।
 
अनौपचारिक बैठक शुरू होने से पहले राहुल गांधी को शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत से तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद सुप्रिया सुले व पार्टी नेता जयंत पाटिल के साथ बातचीत करते हुए देखा गया। उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी आपस में हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत करते देखे गए। 
 
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल होने के लिए यहां पहुंच चुके हैं। इनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके पिता तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी समेत अन्य नेता भी बृहस्पतिवार को मुंबई पहुंच गए। 
 
भाजपा के पास केवल एक चेहरा : ‘इंडिया’ की बैठक में एक समन्वय समिति की घोषणा की जा सकती है और गठबंधन का लोगो जारी किया जा सकता है। गठबंधन ने बैठक से पहले बुधवार को विश्वास जताया था कि वह देश में राजनीतिक बदलाव के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करेगा और उसके पास प्रधानमंत्री पद के लिए कई चेहरे हैं, जबकि भाजपा के पास ‘केवल एक चेहरा’ है।
 
विपक्षी गठजोड़ ने दावा किया था कि उसने दो और क्षेत्रीय दलों को शामिल करके अपना विस्तार किया है और इसके घटक दलों की संख्या 28 हो गयी है। गठबंधन में महाराष्ट्र की वामपंथी पार्टी ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया’ (पीडब्ल्यूपी) और एक अन्य क्षेत्रीय पार्टी शामिल हुई है। इस दल का नाम अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।
India alliance meeting
सूत्रों ने बताया कि उत्तर पूर्व क्षेत्र के तीन दलों- असम जातीय परिषद, राजोर दल और आंचलिक गण मंच-भुइयां ने गठबंधन में शामिल होने की अपील की है और बैठक में गठबंधन के विस्तार पर और इन दलों को शामिल करने पर विचार-विमर्श किया जा सकता है।
 
संयोजक को लेकर असमंजस : विपक्षी गठबंधन की यह तीसरी बैठक है। पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरु में हुई थी, जहां इसे ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) नाम दिया गया। गठबंधन एक समन्यव समिति की घोषणा कर सकता है, जिसमें प्रमुख विपक्षी दलों के 11 सदस्य हो सकते हैं। गठबंधन का एक लोगो भी जारी किया जाएगा।
 
बैठक में इस बारे में भी मंथन किया जा सकता है कि इसका संयोजक बनाया जाए या नहीं। गठजोड़ का न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने, देशभर में आंदोलन करने की संयुक्त योजना बनाने और सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए कुछ उप-समूह बनाने पर भी बात हो सकती है।
 
‘इंडिया’ के विभिन्न घटक दलों के नेता आज आयोजन स्थल पर पहुंचे और उन्होंने विश्वास जताया कि विपक्षी दल मिलकर 2024 में राजग का मुकाबला करेंगे। कई नेताओं ने कहा कि वे देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आए हैं और सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबले की तैयारी में एक साझा कार्यक्रम बनाएंगे।
 
संविधान और लोकतंत्र को बचाना है : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि समय की जरूरत देश की एकता और संप्रभुता को मजबूत करना और संविधान एवं लोकतंत्र को बचाना है। राजद नेता ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी, बेरोजगारी और किसान कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देने में विफल रही है। ‘इंडिया’ की बैठक में हम एक साझा कार्यक्रम तैयार करने पर काम करेंगे।
 
लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि उनके राज्य में पिछले साल अगस्त में ‘महागठबंधन’ सत्ता में आया और उसके बाद लालू प्रसाद तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा विपक्षी मंच तैयार करने के लिए समान विचार वाले सभी दलों को साथ लाने का फैसला किया।
 
उन्होंने कहा कि एक साल बाद हम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक के लिए मुंबई में मिल रहे हैं। यादव ने कहा कि जनता एक उचित विकल्प चाहती है और ‘इंडिया’ उन्हें ये अवसर दे रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ‘समाज को बांटने वालों’ को मुंहतोड़ जवाब देगी।
 
जनता हमें माफ नहीं करेगी : राजद नेता ने कहा कि अगर हम जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे तो वो हमें माफ नहीं करेगी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि युवा इस देश की ताकत हैं। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक, नेताओं ने युवाओं को दिशा देने का काम किया है और जेएनयू, आईआईएम और इसरो जैसे संस्थान स्थापित किए हैं। 
 
भाजपा इंडिया से डरी : आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने दावा किया कि भाजपा ‘इंडिया’ से डरी हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘इंडिया’ शब्द से नफरत है और एक आतंकवादी संगठन तक से इसका नाम जोड़ रहे हैं। यह केवल घृणा नहीं है, बल्कि इस बात का डर भी है कि गठबंधन सफल हो गया तो क्या होगा।
 
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए साथ आए हैं। राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन देश को जोड़ने के लिए है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारी चीजें टूट गई हैं, सपने बिखर गए हैं। यह गठबंधन उन्हें समेटने के लिए है, इस देश की चोट को भरने के लिए है।
 
प्रधानमंत्री घबरा गए हैं : माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ‘इंडिया’ को लेकर जनता की जो प्रतिक्रिया आई है उससे प्रधानमंत्री और भाजपा पूरी तरह घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाना और संविधान में निहित अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़नी होगी।
 
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि देश को एक सामूहिक नेतृत्व की आवश्यकता है, जो युवाओं और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील हो। 
 
महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने ‘इंडिया’ की बैठक के विभिन्न पहलुओं की योजना बनाने के लिए कई समिति बनाई है। ‘इंडिया’ की यह पहली बैठक है, जो ऐसे राज्य में हो रही है जहां इस गठबंधन का एक भी घटक दल सत्ता में नहीं है। (भाषा/वेबदुनिया)