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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 20 अगस्त 2023 (21:41 IST)

CWC Reshuffle : CWC में शामिल न होने पर बोले लालबहादुर शास्त्री के पोते- 'मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई'

CWC Reshuffle : CWC में शामिल न होने पर बोले लालबहादुर शास्त्री के पोते- 'मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई' - lal-bahadur shastri grandson vibhakar shastri could not find place in  congress working committee
CWC Reshuffle :  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पदभार संभालने के करीब 10 महीने बाद रविवार को कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री ने कार्य समिति में उन्हें स्थान नहीं मिलने को लेकर परोक्ष रूप से निराशा जताई, हालांकि बाद में उन्होंने ‘एक्स’ से अपना संबंधित पोस्ट डिलीट कर दिया। उन्होंने पोस्ट किया था, ‘‘अबकी बार शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई थी।’’
 
कार्य समिति में खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इसमें स्थान नहीं दिया गया है। हालांकि, सचिन पायलट, शशि थरूर और कई अन्य नेताओं को पार्टी की इस सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई में पहली बार स्थान मिला है। 
 
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य (चार पदेन सदस्यों समेत) शामिल किए गए हैं। कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठनों-युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवा दल के प्रमुख कार्यसमिति में पदेन सदस्य होते हैं।
 
कांग्रेस ने इस साल फरवरी में रायपुर के महाधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन किया था जिसके अनुसार, कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी। कांग्रेस के संविधान में यह प्रावधान भी है कि पार्टी अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और पार्टी से संबंधित मौजूदा या पूर्व प्रधानमंत्री कार्यसमिति के स्वत: सदस्य होते हैं।
 
कार्यसमिति में इस बार कांग्रेस शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है। पहले सामान्यत: कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से वरिष्ठ नेताओं को कार्य समिति में स्थान दिया जाता रहा है।
 
मौजूदा समय में कांग्रेस की चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में सरकारें हैं। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की गिनती पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में होती है।
 
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में खरगे को चुनौती देने वाले सांसद शशि थरूर, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन, मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा, सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, आम आदमी पार्टी के खिलाफ अक्सर निशाना साधने वाली पूर्व विधायक अलका लांबा, युवा नेता कन्हैया कुमार और कुछ अन्य नेता पहली बार कार्य समिति में स्थान पाने में सफल रहे हैं।
 
कांग्रेस ने उदयपुर के अपने ‘चिंतन शिविर’ और रायपुर के महाधिवेशन में भले ही संगठन के सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देने (50 अंडर 50) के फार्मूले की बात की हो, लेकिन इस कार्य समिति में जिन 39 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें सिर्फ तीन नेता ही 50 वर्ष से कम उम्र के हैं।
 
ये पायलट, गौरव गोगोई और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल हैं। जहां पायलट 46 वर्ष के हैं, वहीं गौरव गोगोई 43 और कमलेश्वर पटेल 49 साल के हैं।
 
कार्य समिति में शामिल प्रमुख चेहरा राहुल गांधी 53 साल के हैं, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 51 साल की हैं।
 
पार्टी ने अपनी कार्यसमिति में हमेशा की तरह वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी है। इसमें शामिल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल है, तो वरिष्ठ नेता एके एंटनी 82, अंबिका सोनी 80 और मीरा कुमार 78 साल की हैं। पार्टी अध्यक्ष खरगे खुद 81 साल के हैं, जबकि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी 76 वर्ष की हैं।
 
जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी कार्य समिति में शामिल किए गए हैं।
कार्यसमिति में कुल 15 महिलाओं को स्थान मिला है। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कुमारी सैलजा, अंबिका सोनी, मीरा कुमार और दीपा दासमुंशी को बतौर सदस्य इस नयी कार्यसमिति में शामिल किया गया है। प्रतिभा सिंह, मीनाक्षी नटराजन, फूलो देवी नेताम और रजनी पाटिल स्थायी आमंत्रित सदस्य होंगी।
 
यशोमती ठाकुर, सुप्रिया श्रीनेत, परिनीति शिंदे, अलका लांबा और नेटा डिसूजा कार्य समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाई गई हैं।
 
पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, वरिष्ठ नेता मीरा कुमार और कुमारी सैलजा कांग्रेस की कार्य समिति में प्रमुख दलित चेहरे हैं।
 
कांग्रेस कार्य समिति के 39 सदस्यों में मुस्लिम समुदाय से तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, गुलाम अहमद मीर और सैयद नासिर हुसैन शामिल हैं।
 
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल, वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश, वीरप्पा मोइली, मनीष तिवारी, के. राजू और बी.के. हरि प्रसाद को कार्यसमिति में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह दी गई है।
 
कार्य समिति में शामिल आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और थरूर कभी उस ‘जी 23’ समूह का हिस्सा थे, जिसने लगभग तीन साल पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे।
 
इस कार्यसमिति के पुनर्गठन में चुनावी राज्यों का भी खयाल रखा गया है। राजस्थान से संबंधित सात नेताओं सचिन पायलट, अभिषेक मनु सिंघवी, महेंद्रजीत मालवीय, जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, पवन खेड़ा और मोहन प्रकाश को कार्य समिति का हिस्सा बनाया गया है।
 
मध्य प्रदेश से दिग्विजय सिंह, कमलेश्वर पटेल और मीनाक्षी नटराजन तथा छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू और फूलो देवी नेताम को कार्य समिति में स्थान दिया गया है।
 
मल्लिकार्जुन खरगे ने पिछले साल 26 अक्टूबर को पार्टी अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाला था। इसके करीब 10 महीने बाद कार्यसमिति की घोषणा की गई है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma 
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