अयोध्या रवाना होने से पहले चित्रकूट में संघ प्रमुख भागवत से मिले चंपत राय
चित्रकूट (मध्य प्रदेश)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत और एक प्रमुख हिंदू संत ने अयोध्या में अतिरिक्त जमीन खरीदने को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को राम मंदिर निर्माण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कहा। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राय शनिवार को यहां प्रसिद्ध हिन्दू आध्यात्मिक संत जगद्गुरु भद्राचार्य से मिलने के बाद अयोध्या रवाना हो गए। जबकि भागवत ने बुधवार को जगद्गुरु से भेंट की थी। आरएसएस की बैठक में शामिल होने के लिए राय गुरुवार की शाम अयोध्या से चित्रकूट आए थे। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने संघ प्रमुख से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच राम मंदिर को लेकर चर्चा हुई।
भागवत सतना जिले के चित्रकूट में आरएसएस के प्रचारकों की चार दिवसीय विचार-मंथन बैठक में भाग ले रहे हैं। यह बैठक शुक्रवार से शुरु हुई है। पिछले तीन दिनों के चित्रकूट प्रवास के दौरान चंपत राय ने यहां कई हिंदू आध्यात्मिक संतों एवं भगवा विद्वानों से भेंट की। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार यह माना जाता है कि भगवान राम और सीता ने अपने 14 साल के वनवास काल का अधिकांश समय चित्रकूट में बिताया था।
संत रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास ने बताया, रामभद्राचार्य ने राम मंदिर के निर्माण के लिए चंपत राय को बधाई दी। जगद्गुरु ने राय से यह भी कहा कि अयोध्या को दुनिया के लिए भक्ति का केंद्र बनना चाहिए न कि विवादों का। उन्होंने राय से यह भी कहा कि मंदिर निर्माण में पारदर्शिता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष राय और जगद्गुरु के बीच बैठक लगभग 30 मिनट तक चली। दास ने बताया कि भागवत और जगद्गुरु के बीच बुधवार को बातचीत करीब दो घंटे चली। इस मामले में चंपत राय से प्रतिक्रिया के लिए उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
आप नेता संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक पवन पांडे ने हाल ही में आरोप लगाया था कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दो करोड़ रुपए की जमीन का एक टुकड़ा 18.5 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई कीमत पर खरीदा गया। ट्रस्ट ने इन आरोपों का खंडन किया था।(भाषा)