PM Modi addresses the last sitting of 17th Lok Sabha : संसद में आज अयोध्या के राम मंदिर को लेकर सरकार के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। नियम 193 के तहत लोकसभा में यह चर्चा जारी है। चर्चा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाषण दिया। उनके भाषण की प्रमुख बातें-
राम मंदिर का फैसला ऐतिहासिक : राम मंदिर को लेकर लोकसभा में पास प्रस्ताव को पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक चुनाव बहुत दूर नहीं है। कुछ लोगों को थोड़ी घबराहट होती होगी लेकिन ये लोकतंत्र का सहज, आवश्यक पहलू है। हमें विश्वास है कि चुनाव और लोकतंत्र की परंपरा विश्व को अचंभित करने वाले होंगे। मैं सभी माननीय सांसदों का जो सहयोग मिला है...आज राममंदिर को लेकर इस सदन ने जो प्रस्ताव पास किया है, इस देश की भावी पीढ़ी को इस देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा।
ये सही है कि हर किसी में सामर्थ्य नहीं होता है ऐसी चीजों में हिस्सा लेने का, फिर भी आज जो बातें रखी गई हैं उनमें संवेदना है, सामर्थ्य है, संकल्प है, सबका साथ सबका विकास है। हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करते रहेंगे।
रक्तरंजित होती रही मां भारती की धरा : पहले आतंकवाद नासुर बन कर देश के सीने पर गोलियां चलाते रहता था। मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थी। देश के अनेक वीर आतंकवाद के कारण बलि चढ़ जाते थे।
अनुच्छेद 370 हटाया : अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था...लेकिन हर पल वो संविधान में एक दरार दिखाई देती थी, एक खाई नजर आती थी, एक रुकावट चुभती थी। लेकिन इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया, जिससे संविधान के पूर्ण रूप का, पूर्ण प्रकाश के साथ प्रकटीकरण हुआ।
17वीं लोकसभा फलदायी : पीएम ने कहा कि बहुत विकट काल में हमारा समय गया फिर भी 17वीं लोकसभा बहुत फलदायी रही। लेकिन इस दौरान हमें कई होनहार साथियों को खोना पड़ा। 17वीं लोकसभा का ये अंतिम सत्र है। लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है और यह देश किसी लक्ष्य के लिए। यह मानव जाति के लिए है। दुनिया जिस तरह से भारत के सामर्थ्य को स्वीकार कर रही है, उस यात्रा को हमें और शक्ति से आगे बढ़ाना है।
आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण : आने वाले 25 वर्ष हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। राजनीति की गहमागहमी अपनी जगह है लेकिन देश की आकांक्षा, देश का सपना, देश का संकल्प बन गया है कि आने वाले 25 साल में देश इच्छित परिणाम प्राप्त करके रहेगा। मैं आज देख रहा हूं कि देश में जज्बा पैदा हुआ है कि 25 साल में विकसित भारत बनेगा। कुछ लोगों ने सपने को संकल्प बना लिया है, कुछ देर कर रहे हैं लेकिन जुड़ेंगे वे भी। जो न सपने से जुड़े हैं न संकल्प से, वे भी तब फल खाएंगे ही खाएंगे।
तीन तलाक से मुक्ति : पीएम ने कहा कि तीन तलाक से मुक्ति का बहुत महत्वपूर्ण काम 17वीं लोकसभा ने ही किया। इतने उतार चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं। अदालतों से उनके पक्ष में फैसले हुए लेकिन वो हक उनको प्राप्त नहीं हो रहा था। मजबूरियों से गुजारा करना पड़ रहा था। लेकिन तीन तलाक से मुक्ति का बहुत महत्वपूर्ण और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है। सभी माननीय सांसद कहेंगे कि इन बेटियों को जब न्याय देने का निर्णय हुआ तो हम वहां मौजूद थे।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम से नई संसद की शुरुआत : हम 75 साल तक अंग्रेजों की दी गई दंड संहिता में जीते रहे, हम गर्व से नई पीढ़ी को कहेंगे कि आने वाली पीढ़ी न्याय संहिता में जिएगी। यही सच्चा लोकतंत्र है। अध्यक्ष जी, आपको इसलिए भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि नई संसद की शुरुआत नारी शक्ति वंदन अधिनियम से हुआ है। जब भी इस नए सदन की चर्चा होगी तब नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र होगा। नए सदन की पवित्रता का अहसास उसी क्षण हो गया था जब अधिनियम पास हुआ।
आम आदमी के लिए खोली लाइब्रेरी : संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने (सभापति जी) सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए। ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत आपने जनसामान्य के लिए खोल कर बहुत बड़ी सेवा की है। इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।
संसद का नया भवन विरासत का अंश : आदरणीय सभापति जी, देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहली पल को जीवंत रखने का... सेंगोल को स्थापित करने का काम किया। इसको सेरेमोनियल बनाने का बहुत बड़ा काम आपके नेतृत्व में हुआ है। जो भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़कर रखेगा।
सांसद निधि छोड़ने के लिए आभार : पीएम ने कहा कि मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया।
reform, perform and transform के रहे 5 साल : 5 साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे। देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देता रहेगा...इन 5 वर्ष में सदी का सबसे बड़ा संकट मानव जाति ने झेला, कौन बचेगा, कौन नहीं, कोई किसी को बचा पाएगा या नहीं...घर छोड़कर निकलना भी मुश्किल था, उसके बाद भी संसद बैठी, स्पीकर ने देश का काम रुकने नहीं दिया।
महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस : आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया।