महिलाओं की आवाज बुलंद करती है अपराजिता शर्मा की ‘अलबेली’, उनके निधन से शोक में हिंदी साहित्य जगत
हिंदी की प्रोफेसर और हिंदी में 'हिमोजी' रचने वालीं अपराजिता शर्मा के निधन के बाद साहित्य जगत में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर हर कोई उनके काम, उनकी स्मृति को साझा कर रहा है। दरअसल, शुक्रवार को दिल के दौरे से उनका निधन हो गया।
अपराजिता एक शिक्षिका के साथ-साथ कैरेक्टर इलस्ट्रेटर भी थीं। वो अपने अध्यापन कार्य के साथ ही एक कलाकार के रूप में छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय थीं।
कुछ समय पहले उनका बनाया हिमोजी एप बहुत चर्चित हुआ था। कुछ साल पहले ही यह हिमोजी एप लांच किया गया था। दरअसल, इमोजी सिर्फ भावनाओं का संचार करता है, लेकिन हिमोजी के बारे में कहा जाता है कि यह एक चरित्र के साथ कुछ शब्दों के जरिए भावनाओं को भी व्यक्त करता है।
अपराजिता ने 270 से अधिक हिमोजी बनाए। जो गुस्सा, नाराजगी, प्यार, दोस्ती आदि पर आधारित रहे हैं। अपराजिता एक कलाकार थीं और कला के जरिए महिलाओं की व्यथा को समाज के सामने रखती थी। इंटरनेट मीडिया खासकर फेसबुक पर अपराजिता द्वारा ईजाद वर्चुअल कैरेक्टर अलबेली खासी लोकप्रिय है। कारण, अलबेली महिलाओं के हक की आवाज बुलंद करती है
हिन्दी के हिमोजी असल में वे स्माइली हैं जो इंसानी भाव भंगिमाओं को हिन्दी शब्दों व वाक्यों के साथ पेश करते हैं। अपराजिता ने बेहद दिलचस्प किस्म के इमोजी तैयार किए थे जो पूरी तरह से भारतीय रंग में रंगे दिखते हैं। उन्होंने अपनी बहन अनन्या से प्रेरित होकर ये तैयार किए थे।
हिन्दी में हिमोजी को लेकर वह कहती थीं कि हिन्दी अभी इंटरनेट पर बहुत अकेली है। हम अपनी भाषा के नाम पर कर क्या रहे हैं। हमें अभी हिन्दी के लिए बहुत सारा काम करना है सिर्फ कविता, कहानी नहीं लिखनी और भी कई शाखाएं हैं जहां काम करना बाकी है। लेकिन उनके निधन से अब हिंदी को लेकर उनकी सारी योजनाएं कभी साकार नहीं ले सकेगीं।