नई दिल्ली। नए संसद भवन की एक दीवार पर लगी अखंड भारत की तस्वीर ने सोशल मीडिया से सियासी हलचल पैदा कर दी। इस कृति को लकेर कई पड़ोसी देशों ने भी आपत्ति जताई थी जिसमें से एक पाकिस्तान भी शामिल है। पाकिस्तान की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है।
एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से पाकिस्तान द्वारा भित्ति चित्र पर जताई जा रही आपत्ति को लेकर सवाल किया गया था। उनसे पूछा गया कि भित्ति चित्र पर पाकिस्तान ने चिंता जताई है? इस पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया- संसद में लगी भित्ति अशोक सम्राज्य की सीमा को दर्शाता है। हमने उन्हे बता दिया है और वे समझ गए हैं। पाकिस्तान को छोड़ दीजिए, उनके पास समझने की शक्ति नहीं है। जयशंकर ने POK पर स्पष्टता की बात भी कही है और कहा कि देश, संसद और हमारा रुख नहीं बदलेगा।
इन देशों को थी आपत्ति : 28 मई को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नए संसद भवन की सौगात दी थी। इसी नए संसद में एक भित्ति चित्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई जिसमें अखंड भारत दिखाया गया था। बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान ने इस भित्ति चित्र को लेकर नाराज़गी जाहिर की है।
कनाडा पर साधा निशाना : भारत ने ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर आने के बाद कनाडा पर अलगाववादियों एवं चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर निशाना साधा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि कनाडा का अपनी जमीन से भारत विरोधी तत्वों को काम करने की अनुमति देना न केवल उसके लिए बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी ठीक नहीं है।
जयशंकर ने कहा कि मैं सोचता हूं कि इससे वृहद मुद्दा जुड़ा हुआ है और जो वृहद मुद्दा जुड़ा है, वह कनाडा का लगातार (चरमपंथियों को) स्थान देना है।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वोट बैंक की राजनीति के अलावा कोई ऐसा क्यों करेगा। विदेश मंत्री ने कहा, क्योंकि आप अगर उनके इतिहास को देखें, तब आप कल्पना करेंगे कि वे इतिहास से सीखते हैं और वे इतिहास नहीं दोहराना चाहेंगे। यह केवल एक मुद्दा नहीं हैं।
जयशंकर ने कहा कि मैं समझता हूं कि अलगाववादियों, चरमपंथियों, हिंसा की वकालत करने वालों को महत्व देने के पीछे वृहद निहित मुद्दे हैं और मैं सोचता हूं कि यह संबंधों के लिए भी अच्छा नहीं है और कनाडा के लिए भी ठीक नहीं है।
सोशल मीडिया में आई कुछ खबरों के मुताबिक, कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने हाल ही में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाली।
भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने ट्वीट किया कि हिंसा या घृणा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने कहा कि कनाडा में एक कार्यक्रम की खबरों से मैं स्तब्ध हूं जिसमें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का उत्सव मनाया गया। कनाडा में हिंसा या घृणा का महिमामंडन करने के लिए कोई स्थान नहीं है।
कांग्रेस ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना की निंदा करते हुए गुरुवार को सरकार से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष मजबूती से उठाए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे घिनौना कृत्य भी करार दिया। कुछ भारतीय छात्रों को पेश आ रही परेशानियों के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को कनाडा के अधिकारियों के समक्ष उठाया है।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे लोग हैं जो उन्हें (छात्रों को) गुमराह करते हैं तो दोषी पक्षों पर कार्रवाई की जानी चाहिए । नेक नियति से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को दंडित करना उचित नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ कामन्स में इस मुद्दे पर बयान दिया है। जयशंकर ने कहा कि हम इस मुद्दे पर कनाडा के सम्पर्क में हैं। Edited By : Sudhir Sharma