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Last Modified: गुरुवार, 7 जुलाई 2022 (13:55 IST)

अहमदाबाद के स्टार्टअप ने खोजा 'प्लास्टिक का विकल्प', गन्ना, मक्का और शकरकंद से बन रही बोतलें-थैलियां

अहमदाबाद के स्टार्टअप ने खोजा 'प्लास्टिक का विकल्प', गन्ना, मक्का और शकरकंद से बन रही बोतलें-थैलियां  ahemadabad start up making bottles and plastic bags from sugarcane corn and sweet potato - ahemadabad start up making bottles and plastic bags from sugarcane corn and sweet potato
Photo - Twitter
अहमदाबाद। देश-दुनिया में जब भी प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के विषय में चर्चाएं होती है, तब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि इसके विकल्प के रूप में क्या उपयोग में लिया जाए? हमारे पास ऐसा क्या है जिसमें तरल पदार्थों को भी लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सके। इस सवाल का जवाब और प्लास्टिक का विकल्प अहमदाबाद के एक स्टार्ट-अप ने ढूंढ निकाला है। इस टीम ने गन्ना, मक्का और शकरकंद से ऐसी बोतलें और पॉलिथीन बनाई है, जो 6 महीने बाद अपने आप नष्ट हो जाएगी।  
 
ये आविष्कार किया है फुटुर डॉट कॉम (Futur.com) नामक स्टार्ट-अप ने, जो कि भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) द्वारा समर्थित है। इस स्टार्ट-अप द्वारा खोजे गए प्लास्टिक के इस विकल्प को गुजरात के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ साथ नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी मान्यता दी है।
 
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी आविष्कार को भारतीय रेलवे द्वारा प्रयोग में लिए जाने की सिफारिश की है। इन बोतलों और प्लास्टिक बैग्स को मक्का,गन्ना और शकरकंद की मदद से बनाया गया है। फिलहाल इनका परिक्षण अहमदाबाद के एक होटल और साउथ इंडिया में स्थित एक डेयरी फर्म में किया जा रहा है। अगर यह परिक्षण सफल रहा तो इन्हे जल्द ही मार्केट में लॉन्च किया जाएगा। 
 
स्टार्ट-अप संस्थान से जुड़े एक शोधकर्ता के अनुसार ये प्लास्टिक पूरी तरह एनवायरनमेंट फ्रेंडली है और यह इस्तेमाल किए जाने के महज 180 दिनों के बाद अपने आप नष्ट हो जाएगा। अभी इसे तैयार करने के लिए रॉ मटेरियल दक्षिण अफ्रीका से मंगवाया जाता है, जो कि प्लास्टिक की तुलना में काफी हल्का होता है। यह उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जाने-अनजाने में अगर कोई जानवर भी इन्हे खा ले, तो उसे कोई तकलीफ नहीं होगी। 
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