भारत इस समय कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। लेकिन इसी बीच एक भयावह खबर सामने आ रही है। कोरोना महामारी के बीच एक बड़ा संकट देश के मुहाने पर खड़ा है। वह संकट है विशाल टिड्डियों के दल के हमले का।
खबरों के अनुसार इन गर्मियों में पूर्वी अफ्रीका से आ रहा टिड्डियों का एक विशाल झुंड दक्षिण एशिया में हमला कर सकता है। टिड्डियों का यह दल खड़ी फसलों को पल में चट कर सकता है। इसने भारत की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
खबरों के अनुसार सरकार को देश की जनता को कोरोना वायरस से बचाना होगा, वहीं दूसरी तरफ इन टिड्डियों के दल से खाद्य सुरक्षा भी करनी पड़ेगी। इसी वर्ष फरवरी के महीने में पंजाब और हरियाणा के खेतों में टिड्डियों के हमले की घटनाएं सामने आई थीं, जिसके चलते इन दोनों राज्यों को हाईअलर्ट पर रखा गया था।
इसके अलावा स्थिति से निपटने और टिड्डियों के हमले के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इन दोनों राज्यों में स्पेशल सुपरविजन टीमें भी तैनात की गई थीं।
खबरों के मुताबिक अफ्रीका के हॉर्न से शुरू हुआ यह टिड्डियों का दल यमन, बहरीन, कुवैत, कतर, ईरान, सऊदी अरब, पाकिस्तान से होता हुआ भारत में घुस रहा है। पंजाब में कई खेतों पर टिड्डियों के इस दल ने हमला बोला है। टिड्डियों के इस हमले से भारत में खाद्य संकट पैदा हो सकता है।
माना जा रहा है कि इन टिड्डियों के अंडे देने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 20 गुना ज्यादा हो चुकी है। इससे इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) की वेबसाइट के मुताबिक एक किलोमीटर फैले टिड्डी दल में करीब 40 मिलियन टिड्डे होते हैं।
यह टिड्डे एक दिन में करीब 35 हजार लोगों जितना खाना खा सकते हैं, अगर यह मानते हुए कि एक व्यक्ति 2.3 किलोग्राम भोजन करता है। पूर्वी अफ्रीका के देशों केन्या, इथोपिया, सोमालिया के अतिरिक्त अरब प्रायद्वीप के सऊदी अरब, ओमान, ईरान में टिड्डी की खराब स्थिति है।
अफ्रीका में तो खाद्य संकट पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से टिड्डी प्रभावित देशों के साथ हर सप्ताह स्काइप एप्लीकेशन पर मीटिंग आयोजित की जाती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को एक ब्रीफिंग में यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने चेतावनी दी थी कि कोरोना के बाद दुनिया को भूख महामारी का सामना करना पड़ सकता है।