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Last Updated : गुरुवार, 23 जनवरी 2025 (18:53 IST)

8-9 घंटे से ज्यादा काम ठीक नहीं, 90 घंटे के बयान पर बोले अदार पूनावाला

8-9 घंटे से ज्यादा काम ठीक नहीं, 90 घंटे के बयान पर बोले अदार पूनावाला - Adar Poonawalla Statement after 90 hour week remark says human productivity cant go beyond 8 90 hours
Adar Poonawalla Statement :इन दिनों काम के घंटों को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुई है, इन्फोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के सप्ताह में 70 घंटे काम करने के बयान के बाद यह बहस छिड़ी थी।कुछ दिनों पहले लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन (sn subrahmanyan) ने अपने एक बयान में सप्ताह में 90 घंटे काम करने को लेकर कहा था कि उन्होंने अफ़सोस है कि वे अपने कर्मचारियों से रविवार को काम नहीं करवा पाते। उन्होंने कहा था कि एक कर्मचारी घर पर बैठकर आखिर क्या करेगा, वो कब तक अपनी पत्नी को निहारता रहेगा? इस बयान ने कॉर्पोरेट सेक्टर में खलबली मचा दी थी।



कई लोग सुब्रह्मण्यन के इस बयान से खुश नहीं थे। इसी बयान के बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने वर्क लाइफ बैलेंस पर जोर डालते हुए कहा कि मानव उत्पादकता (Human Productivity) 8-9 घंटे से अधिक नहीं हो सकती है। 
 
एक वेबसाइट से बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि इंसान कितना ही सह सकता है। उन्होंने कहा "मनुष्य 8-9 घंटों से अधिक उत्पादक नहीं हो सकता। कभी-कभी, आपको यह करना पड़ता है, और यह ठीक है, लेकिन आप ऐसा हर दिन नहीं कर सकते। सोमवार से रविवार तक, ऑफिस में काम करना थोड़ा इम्प्रैक्टिकल है" 
 
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं 
नारायण मूर्ति और एसएन सुब्रह्मण्यन के बयानों पर रिएक्शन कर अदार पूनावाला ने कहा कि कड़ी मेहनत जरुरी है, इसमें कोई बहस नहीं है, कड़ी मेहनत को कोई सब्स्टीट्यूट नहीं है लेकिन निश्चित रूप से, आपको एक सामाजिक जीवन जीने और अपने जीवन को संतुलित करने की आवश्यकता है ताकि आप तरोताजा होकर काम पर वापस आ सकें और उत्पादक बन सकें।"
 
हालांकि पूनावाला (Adar Poonawalla) ने भी कहा कि वर्क लाइफ बैलेंस इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति किस स्टेज पर है।  
 
उन्होंने कहा " मैं 16 घंटे भी काम कर सकता था, कोविड के दौरान मैं 11 बजे घर आता था, तो यह उसपर भी निर्भर करता है कि आप लाइफ में किस स्टेज पर हैं। यदि आप एक व्यवसाय बनाने वाले उद्यमी (Entrepreneur) हैं, तो आपको कड़ी मेहनत करनी चाहिए और जो भी करना पड़े वह करना चाहिए। उसके बाद, यह काम की गुणवत्ता (Quality), स्मार्ट तरीके से काम करने और रणनीतिक रूप (Strategically) से काम करने के बारे में है।"

एसएन सुब्रह्मण्यन और नारायण मूर्ति के बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि उन बयानों का मतलब साल में 365 दिन करना नहीं होगा, वे सिर्फ लोगों को कड़ी मेहनत करते देखना चाहते हैं।  
 
आपको बता दें अदार पूनावाला की सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया (Serum Institute of India) ने कोविशील्ड बनाई थी।