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Last Updated : गुरुवार, 25 जुलाई 2024 (10:42 IST)

दुनिया के सबसे अधिक गर्म दिन का रिकॉर्ड 24 घंटे के भीतर ही टूटा, 22 जुलाई साल का सबसे अधिक गर्म दिन

हर माह वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच रहा

दुनिया के सबसे अधिक गर्म दिन का रिकॉर्ड 24 घंटे के भीतर ही टूटा, 22 जुलाई साल का सबसे अधिक गर्म दिन - 22 July 2024 the hottest day of the year
Climate change : यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (C3S) के मुताबिक पृथ्वी पर 22 जुलाई को 84 वर्षों में सबसे अधिक गर्म दिन (hottest day) दर्ज किया गया और वैश्विक औसत तापमान 17.15 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड उच्चतम (higher) स्तर पर पहुंच गया। यह 1 दिन पहले 21 जुलाई को दर्ज किए गए 17.09 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड से अधिक है। इस तरह 84 साल के बाद बना सर्वाधिक वैश्विक औसत तापमान का रिकॉर्ड 24 घंटे के भीतर ही टूट गया है।
 
गर्मी के मासिक रिकॉर्ड की एक श्रृंखला पर गौर करने से यह पता चलता है कि जून तक लगातार पिछले 12 महीने से हर माह वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच रहा है। पिछले वर्ष जून के बाद से हर महीने सबसे अधिक गर्मी रिकॉर्ड की जा रही है।

 
22 जुलाई सबसे अधिक गर्म दिन : सी3एस के प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक 1940 के बाद इस साल का 22 जुलाई सबसे अधिक गर्म दिन था। सी3एस के मुताबिक वैश्विक तापमान करीब सवा लाख वर्षों में सबसे अधिक है। यह कोयला, तेल और गैस के दोहन तथा वनों की कटाई के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। इसमें कहा गया है कि हालांकि वैज्ञानिक इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि सोमवार का दिन इस अवधि का सबसे गर्म दिन था, लेकिन मानव द्वारा कृषि की शुरुआत करने से बहुत पहले से औसत तापमान इतना अधिक नहीं रहा है।
 
जुलाई 2023 से पहले अगस्त 2016 में पृथ्वी का दैनिक औसत तापमान रिकॉर्ड 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। हालांकि 3 जुलाई 2023 के बाद से 57 दिन ऐसे रहे हैं, जब तापमान पिछले रिकॉर्ड से अधिक रहा है। सी3एस के निदेशक कार्लो बूनटेंपो ने कहा कि पिछले 13 महीनों के तापमान और उससे पिछले रिकॉर्ड के बीच चौंकाने वाला अंतर है।

 
नए रिकॉर्ड देखने को मिलेंगे :  उन्होंने कहा कि हम अब अनिश्चित स्थिति में हैं और जैसे-जैसे जलवायु गर्म होती जा रही है, आने वाले महीनों और वर्षों में हमें नए रिकॉर्ड देखने को मिलेंगे। संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता की 2010 से 2016 तक प्रमुख रहीं क्रिस्टियाना फिगुएर्स ने कहा कि अभूतपूर्व शब्द अब उस भयावह तापमान का वर्णन नहीं कर सकता जिसका हम सामना कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि जी20 देशों के सामने एक खतरनाक वास्तविकता है जिसका समाधान उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाने और जीवाश्म ईंधनों को विवेकपूर्ण नजरिए के साथ चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की नीतियों के साथ करना होगा। वैश्विक बिजली का एक तिहाई हिस्सा अकेले सौर और पवन ऊर्जा से उत्पादित किया जा सकता है, लेकिन लक्षित राष्ट्रीय नीतियों को उस परिवर्तन को संभव बनाना होगा अन्यथा हम सभी झुलस जाएंगे और जल जाएंगे।

 
विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 और 2024 में पिछले वर्षों की तुलना में वार्षिक अधिकतम दैनिक वैश्विक तापमान काफी अधिक रहा है। 2015 से 2024 तक 10 वर्ष उच्चतम दैनिक औसत तापमान वाले हैं। उत्तरी गोलार्द्ध की गर्मी के कारण वैश्विक औसत तापमान आमतौर पर जून के अंत और अगस्त की शुरुआत के बीच चरम पर होता है।
 
अंटार्कटिका के बड़े हिस्से में तापमान बढ़ा : सी3एस के वैज्ञानिकों ने दैनिक वैश्विक तापमान में अचानक वृद्धि के लिए अंटार्कटिका के बड़े हिस्से में औसत से बहुत अधिक तापमान को जिम्मेदार ठहराया। यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने कहा कि 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा या नहीं, यह काफी हद तक 'ला नीना' और इसकी तीव्रता पर निर्भर करता है।
 
जलवायु विज्ञान गैर-लाभकारी संस्था बर्कले अर्थ ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया था कि 2024 में नया वार्षिक ताप रिकॉर्ड स्थापित होने की 92 प्रतिशत संभावना है। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों मुख्य रूप से कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन की तेजी से बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी के सतह का तापमान पहले ही लगभग 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। इस गर्मी को दुनियाभर में रिकॉर्ड सूखे, जंगल की आग और बाढ़ का कारण माना जाता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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