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Last Modified: बुधवार, 4 जनवरी 2023 (00:28 IST)

12 चीते इसी महीने दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे, कूनो में ही छोड़े जाएंगे

12 चीते इसी महीने दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे, कूनो में ही छोड़े जाएंगे - 12 cheetahs will be brought to India from South Africa this month, will be left in Kuno only
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते जनवरी में भारत पहुंच सकते हैं। चीतों को दक्षिण अफ्रीका में पिछले 6 महीने से अलग रखा गया है। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में स्थानांतरित किया जाएगा। चीतों के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण के लिए एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर अभी किए जाने हैं।

सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि 12 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में स्थानांतरित करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है और ये चीते जनवरी में पहुंच सकते हैं।

कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य के अधिकारियों ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के 20वें सम्मेलन में सात नर और पांच मादा चीतों को लाने की तैयारियों पर एक प्रस्तुतिकरण दिया था।

चीतों को दक्षिण अफ्रीका में पिछले 6 महीने से अलग रखा गया है। सूत्रों ने कहा कि चीतों के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण के लिए एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर अभी किए जाने हैं। भारत के वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार ‘भारत में चीतों को फिर से बसाने की कार्ययोजना’ के अनुसार करीब 12-14 जंगली चीतों (8 से 10 नर और 4 से 6 मादा) को दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया तथा अन्य अफ्रीकी देशों से मंगाया जाना है।

यह संख्या देश में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त है। कार्यक्रम के तहत शुरुआत में पांच साल के लिए ये चीते आएंगे और बाद में जरूरत पड़ने पर और चीते लाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए आठ चीतों की पहली खेप को गत 17 सितंबर को उनके जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में छोड़ा था। इनमें पांच मादा और तीन नर चीते थे।

पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि कूनो में सभी आठ चीतों को अब बड़े परिसर में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा था कि चीतों में किसी तरह की सेहत संबंधी जटिलता नजर नहीं आई है। देश में 1952 में चीते विलुप्त हो गए थे और 70 साल बाद इस पशु को पिछले साल भारत लाया गया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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