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Written By WD

रघुराम राजन : भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की चुनौती

रघुराम राजन : भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की चुनौती -
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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर डी. सुब्बाराव 4 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह 50 वर्षीय रघुराम राजन (आरबीआई) के नए गवर्नर होंगे।

वे आईबीआई के दूसरे सबसे युवा गवर्नर होंगे। वे रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर होंगे। राजन ने वर्ष 2008 में आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी की थी, जो पूरी दुनिया के सामने आई।

3 फरवरी 1963 को भोपाल में जन्मे रघुराम जी. राजन के सामने भारतीय अर्थव्यस्था फिर से पटरी पर लाने की चुनौती होगी। राजन का कार्यकाल तीन साल का होगा।

राघराम की सातवीं तक की पढ़ाई विदेश में हुई है। सातवीं के बाद उन्होंने स्कूली शिक्षा दिल्ली में की। 1985 में उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। यहा पर उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला। 1987 में आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किया।

1991 में मेस्साचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से मैनेजमेंट में पीएचडी की। राजन ने करियर की शुरुआत 1991 में शिकागो यूनिवर्सिटी से असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में की। अक्टूबर 2003 से दिसंबर 2006 तक राजन अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में मुख्य अर्थशास्त्री रहें।

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री बनने वाले राजन भारतीय मूल और किसी भी विकासशील देश के सबसे युवा और पहले व्यक्ति रहे हैं। 2008 में प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत सरकार में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया। 10 अगस्त 2012 को राजन मुख्‍य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किए गए।

ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है। खुदरा बाजार में महंगाई बढ़ी हुई है। चालू खाते का घाटा (कैड) अब तक के उच्च स्तर पर बना हुआ है। राजन के सामने यह चुनौती होगी कि तूफानों के बवंडर में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था की कश्ती को पार लगाएं। (एजेंसियां)