क्या 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे राहुल गांधी?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की ओर से दायर पुर्नविचार याचिका को खारिज कर दिया है।
लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे राहुल गांधी?-गुजरात हाईकोर्ट से राहुल गांधी को बड़ा झटका मिलने के बाद अब राहुल गांधी के सामने चुनौतियां बढ़ गई है। अब जब लोकसभा चुनाव में 10 महीने से कम समय बचा है तब राहुल गांधी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उनके सियासी भविष्य पर सवालिया निशान लगता हुआ दिख रहा है। अब सवाल यह भी है कि क्या राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे? जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को 'दोष सिद्धि की तारीख से' अयोग्य घोषित किया जाता है। इसी के साथ, वो व्यक्ति सजा पूरी होने के बाद जन प्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक आयोग्य ही रहेगा। ऐसे में अगर राहुल गांधी को हाईकोर्ट के बड़ी बेंच या सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो वह 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
विपक्ष की एकता मेंं पड़ सकती है दरार?-गुजरात हाईकोर्ट का फैसला ऐसे समय सामने आया है जब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने या उसको हराने के लिए विपक्षी दल राहुल गांधी के नेतृत्व में एक होते दिख रहे है। पिछले दिनों पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद जिस तरह से अगली बैठक कांग्रेस की अगुवाई में करने के साथ लालू प्रसाद यादव ने इशारों ही इशारों में राहुल गांधी को गठबंधन का नेतृत्व करने की बात कही उससे साफ संकेत है कि राहुल गांधी की विपक्ष को एकजुट करने में बड़ी भूमिका होने जा रही है।
मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर बिहार में भाजपा नेता सुशील मोदी ने ओबीसी वर्ग का अपमान बताकर उनके खिलाफ केस दर्ज कराया है और पूरे मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसे में भाजपा बिहार जैसे राज्यों में कांग्रेस के नीतीश और लालू की पार्टी को ओबीसी वर्ग के अपमान के मुद्दें पर घेर सकती है। अगर बिहार की सियासी इतिहास को देखे तो नीतीश की पार्टी जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के लिए ओबीसी वर्ग का समर्थन हासिल होता आय़ा है, ऐसे में भाजपा राहुल के बहाने ओबीसी वर्ग के अपमान का मुद्दें को उठाकर विपक्ष की एकजुटता को तोड़ने की कोशिश कर सकती है।
वायनाड सीट पर क्या होगा उपचुनाव?-गुजरात हाईकोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलने के बाद अब यह साफ हो गया है कि जल्द राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल नहीं होगी। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि केरल की वायनाड संसदीय सीट पर क्या चुनाव आयोग उपचुनाव को लेकर अपनी प्रक्रिया शुरु कर सकता है। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि उपचुनाव की प्रक्रिया शुरु हो सकती है लेकिन इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय करेगी वह अंतिम होगा।
क्या है पूरा मामला?-दरअसल पूरा मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में जनसभा में राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होनें मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि "क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है"। राहुल के इस बयान के खिलाफ गुजरात के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक पुरनेश मोदी ने सूरत कोर्ट में एक मानहानि याचिका दायर की थी। इस मामले में सूरत कोर्ट में चार साल तक सुनवाई हुई और कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था। भारतीय दंड विधान की धारा 499 में आपराधिक मानहानि के मामलों में अधिकतम दो साल की सज़ा का प्रावधान है।
सूरत कोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया था। राहुल की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने दिल्ली में अपना सरकारी बंगला खाली भी खाली कर दिया था।