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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020 (14:57 IST)

चुनावी सभाओं पर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद CM शिवराज की दो सभाएं निरस्त,फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी भाजपा

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ पर FIR

चुनावी सभाओं पर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद CM शिवराज की दो सभाएं निरस्त,फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी भाजपा - Shivraj's two meetings canceled after high court's strictness on electoral meetings in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश के उपचुनाव में चुनावी रैलियों में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ने पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के सख्त रूख का असर अब दिखने लगा है। बुधवार को हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दो चुनावी रैलियों को निरस्त कर दिया। वहीं भाजपा अब हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देने जा रही हैं।    
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद सभा निरस्त होने की जानकारी देते हुए कहा कि आज अशोक नगर के शाडोरा और भांडेर के बराच सभाएं थीं लेकिन हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के आदेश के बाद सभाएं निरस्त कर दी गई है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहे है क्योंकि क्योंकि एक देश में दो विधान जैसी स्थिति हो गई है। बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं लेकिन मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती। मध्यप्रदेश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है,दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती।
चुनावी रैलियों पर हाईकोर्ट सख्त – बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एफआईआर करने के निर्देश देने के साथ ही 9 जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि कोई भी सभा करने की परमिशन नहीं दी जाए केवल वर्चुअल मीटिंग की अनुमति दी जाए। 
 
इसके साथ ही अगर कलेक्टर किसी चुनावी मीटिंग के लिए परमिशन देंगे तो उसके लिए उम्मीदवार को कलेक्टर को बताना होगा कि क्यों वर्चुअल मीटिंग नहीं की जा सकती। अगर कलेक्टर चुनावी सभा के लिए लिखित आदेश जारी करेगा और उसको अप्रूवल के लिए पहले चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा। इसके साथ ही उम्मीदवारों को सभा में आने वाले सभी लोगों को मास्क और सैनेटाइजर देना अनिवार्य होगा और इसके लिए उम्मीदवारों को कलेक्टर को एफिडिवेट देना होगा।