'जहरीले' कचरे पर कोहराम, पीथमपुर में 2 प्रदर्शनकारियों ने खुद को जलाया, अस्पताल में भर्ती
यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में ठिकाने लगाने को लेकर धार से लेकर इंदौर तक विरोध
Chaos over Union Carbide waste in Pithampur: औद्योगिक शहर पीथमपुर में 337 टन यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट के नियोजित निपटान के खिलाफ शुक्रवार को बंद के आह्वान के बीच दो लोगों ने कथित तौर पर खुद को आग लगा ली जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों और घटनास्थल पर बनाए गए वीडियो के अनुसार, धार जिले के शहर में अपशिष्ट निपटान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने अपने शरीर पर कुछ तरल पदार्थ डाला और खुद को आग लगा ली।
पौने दो लाख के लगभग है पीथमपुर की आबादी : इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित पीथमपुर की आबादी करीब 1.75 लाख है और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में तीन सेक्टरों में करीब 700 कारखाने हैं। वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की मध्य रात्रि को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिससे कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
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अधिकारियों ने कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे को वैज्ञानिक निपटान के लिए पीथमपुर पहुंचाया है। हालांकि, इस कदम के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कचरा बृहस्पतिवार को पीथमपुर स्थित एक भस्मीकरण इकाई में लाया गया। शुक्रवार को बंद के आह्वान के बीच दुकानें और बाजार बंद रहे। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने आयशर मोटर्स के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें काबू में किया और हल्के लाठीचार्ज के साथ सामान्य यातायात बहाल किया।
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एकजुट हुए लोग : बस अड्डे पर बृहस्पतिवार से भूख हड़ताल पर बैठे संदीप रघुवंशी ने कहा कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे का निपटान करने के खिलाफ उनके विरोध पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर को उच्चतम न्यायालय सहित अन्य अदालती निर्देशों के बावजूद भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कचरे को नहीं हटवाने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी।
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हाईकोर्ट की चेतावनी : यह देखते हुए कि गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी अधिकारी 'निष्क्रियता की स्थिति' में हैं, मप्र उच्च न्यायालय ने कचरे को हटाने के लिए 4 सप्ताह की समय सीमा तय की है। उच्च न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया तो वह अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगा। इस बीच, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीथमपुर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
क्या कहा मुख्यमंत्री ने : मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को 'संदेह करने वालों' को संबोधित करते हुए कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कचरे में 60 प्रतिशत मिट्टी और 40 प्रतिशत नेफ्थॉल शामिल है, जिसका उपयोग कीटनाशक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) बनाने के लिए किया जाता है और यह बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala