जहरीले कचरे पर पीथमपुर में बवाल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किया लाठीचार्ज
1.75 लाख की आबादी वाले पीथमपुर में लोग पिछले कई दिनों से जहरीले कचरे के निस्तारण का विरोध कर रहे हैं। शहर में आज सुबह से ही दुकानें बंद है। फैक्टिरियों में भी आज कामकाज बंद है। शहर में आज भी एहतियात के तौर पर पुलिस बंदोबस्त किया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जहरीले कचरा का असर जमीन, भूमिगत जल और खेती पर पड़ेगा। इससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा। साथ ही स्वास्थ्य पर भी इसका विपरित असर देखने को मिल सकता है। हालांकि शासन और प्रशासन इस पर पहले ही साफ कर चुके है कि कई स्तर पर परखने और विमर्श के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वर्ष 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन जहरीले कचरे का निपटारा वैज्ञानिकों से विस्तृत चर्चा के आधार पर किया जाना चाहिए क्योंकि यह आम लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है। महाजन ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी का भयावह मंजर याद आते ही हम सबका दिल दहल जाता है। यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे का निपटारा अवश्य होना चाहिए, लेकिन जैसा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह बताया जाना चाहिए कि कचरे का निपटान किस तरह किया जाएगा?
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने महाजन से उनके इंदौर के निवास में मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वह यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने की कवायद रुकवाने में उनकी मदद करें।
उन्होंने दावा किया कि विशेषज्ञों के मुताबिक पीथमपुर की अपशिष्ट निपटान इकाई में यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट किए जाने से भविष्य में इस औद्योगिक कस्बे के साथ ही इसके आस-पास के इलाकों और इंदौर में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
गौरतलब है कि भोपाल से यूनियन कार्बाइड के 12 ट्रक के जरीए से 337 टन जहरीले कचरे को पीथमपुर लाया गया है। इसे 126 करोड़ रुपए खर्च कर नष्ट किया जाएगा।
edited by : Nrapendra Gupta