ऑपरेशन सिंदूर से लेकर विदेश नीति तक, लालकिले से 15 अगस्त को क्या बोलेंगे मोदी?
12वीं बार भाषण देकर इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ेंगे पीएम मोदी
Prime Minister Narendra Modi 12th address from Red Fort: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है जब ऑपरेशन सिंदूर को कुछ महीने ही हुए हैं और विपक्षी दल चुनाव में कथित गड़बड़ियों को लेकर एकजुट होकर उनकी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
मोदी इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास और अपने कार्यकाल में कल्याणकारी मॉडल के विस्तार पर भारत के अडिग रुख को रेखांकित कर सकते हैं। साथ ही वह व्यापार पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के प्रति प्रतिकूल रुख से उत्पन्न आर्थिक और विदेशी संबंधों की अनिश्चितता के माहौल पर भी बोल सकते हैं।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत : प्रधानमंत्री पिछले काफी समय से 2047 तक विकसित भारत बनाने में मदद के लिए स्वदेशी तकनीक और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने पर बार-बार जोर दे रहे हैं और देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से उनके भाषण में इसी बात को दोहराया जा सकता है।
इंदिरा गांधी का तोड़ेंगे रिकॉर्ड : हाल में लगातार दो बार प्रधानमंत्री बनने के इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने के बाद, मोदी अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के साथ, लाल किले की प्राचीर से दिए गए इंदिरा के लगातार 11 भाषणों को पीछे छोड़ते हुए, इस मामले में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर होंगे। इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में अपनी हत्या तक, प्रधानमंत्री पद पर रहीं। कुल मिलाकर, उन्होंने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के रूप में 16 भाषण दिए हैं।
पंद्रह अगस्त को मोदी के भाषणों में हमेशा उस समय के प्रमुख मुद्दे और उनके कार्यकाल में देश के विकास पर चर्चा होती है, और वे अकसर नीतिगत पहलों या नई योजनाओं की घोषणा भी अपने संबोधन में करते हैं। पिछले साल 15 अगस्त को अपने 98 मिनट के संबोधन में, उन्होंने वर्तमान सांप्रदायिक और भेदभाव को बढ़ावा देने वाली संहिता के बजाय एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता और एक साथ चुनाव कराने की स्पष्ट वकालत की थी। उन्होंने घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में देश में 75,000 और मेडिकल सीटें सृजित की जाएंगी।
अमेरिका से रिश्तों में तनाव : महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसी सामाजिक बुराइयों को भी उनके कुछ भाषणों में प्रमुखता से उठाया गया है और स्वच्छता तथा महिलाओं व पारंपरिक रूप से वंचित समुदायों के सशक्तीकरण के लिए उनके प्रयासों का भी प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षक विदेश नीति के मोर्चे पर उनके किसी भी संकेत का बेसब्री से इंतजार करेंगे, ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के बीच आमतौर पर मजबूत रहे रिश्ते इस समय तनाव में हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में मध्यस्थता के ट्रंप के बार-बार किए जा रहे दावों और व्यापार को लेकर भारत पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ के इस्तेमाल के कारण रिश्तों में तनाव आ गया है।
बिहार में एसआईआर : संसद का मानसून सत्र जारी है और विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही अवरुद्ध है। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री चुनावी धांधली के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हैं या नहीं। मोदी के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ उनकी सरकार का कड़ा रुख भी प्रमुख रहा है और इस साल भी कुछ अलग होने की संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे थे, और यह उत्सुकता से देखा जाएगा कि क्या इनमें से कुछ सुझाव उनके भाषण में शामिल होते हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala