MP Chunav Results 2023 : मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार के 5 कारण, क्यों फेल हो गया कमलनाथ का दांव?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सारे दावे फेल हो गए। भाजपा की इस जीत के साथ ही कांग्रेस के सारे अरमान टूट गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमित शाह के अलावा मध्यप्रदेश में बीजेपी के 5 ऐसे चेहरे पूरे दमखम के साथ काम कर रहे थे। जानिए क्या रहे मध्यप्रदेश में कांग्रेस के हार के 5 कारण-
1. कमलनाथ-दिग्गी पर ज्यादा भरोसा : कांग्रेस ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से बड़ा नेता किसी को नहीं बनने दिया। कमलनाथ की उम्र 77 साल और दिग्विजय सिंह की उम्र 76 साल है। ऐसे में युवा नेताओं को कम तवज्जो दी गई। मीडिया के सामने वे भले ही एक-दूसरे की गलबहियां करते दिखाई दिए, लेकिन कहीं न कहीं उनमें समन्वय की कमी थी।
2. शिवराज की लोकप्रिय छवि : कांग्रेस में जहां कमलनाथ का रवैया तानाशाही रहा है, वहीं दूसरी ओर भाजपा इसलिए आगे निकली कि एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ के विपरीत जमीनी नेता हैं, वे लोगों और विधायकों की सुनते भी हैं, बोलते भी हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरल छवि कमलनाथ की छवि पर भारी पड़ी।
3. लाड़ली योजना पड़ी भारी : शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना का ऐलान किया। हालांकि कांग्रेस ने इसके तोड़ के लिए नारी सम्मान योजना की घोषणा की। लाड़ली बहना योजना कांग्रेस पर भारी पड़ी और भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हुई।
4. कमलनाथ का अड़ियल रवैया : राजनीकि जानकारों के मुताबिक कमलनाथ राजनेता कम और बड़ी कंपनी मैनेजर ज्यादा लगते हैं। वे राजनीतिक बैठकों में कार्पोरेट मीटिंग जैसा व्यवहार करते रहे हैं। कमलनाथ मिनटों के हिसाब से विधायकों केो मिलने का समय देते थे।
5. सपा ने पहुंचाया नुकसान : चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन का समन्यवय भी नजर नहीं आया। सपा ने 74 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सपा ने कांग्रेस के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतारे। इसे लेकर कांग्रेस और कमलनाथ का अखिलेश से टकराव भी देखने को मिला था। इसके बाद अखिलेश ने लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर विचार करने जैसी बातें कह दी थीं। Edited By : Sudhir Sharma