लोकसभा चुनाव : अन्नाद्रमुक भी वंशवाद की राजनीति में द्रमुक की राह पर
चेन्नई। तमिलनाडु में वंशवाद की राजनीति को लेकर द्रमुक पर हमले करने वाली सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक अब अपने कई नेताओं के बेटों को टिकट देने के कारण आलोचना का सामना कर रही है। उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम के बेटे भी 18 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं।
द्रमुक के 20 उम्मीदवारों में से 6 प्रत्याशी तो प्रमुख नेताओं के बेटे हैं, जबकि अन्नाद्रमुक ने ऐसे 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों का कहना है कि उम्मीदवारों की कठिन मेहनत और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी को ध्यान में रखा गया है और उन्हें सिर्फ इस आधार पर टिकट से इंकार नहीं किया जा सकता कि उनके परिजन राजनीति में हैं।
अन्नाद्रमुक के समन्वयक और उपमुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के बेटे रवीन्द्रनाथ कुमार को थेनी सीट से टिकट दिया गया है। इस कदम की आलोचना होने पर पार्टी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि उन्हें कठिन मेहनत और वफादारी के लिए पुरस्कृत किया गया है।
राज्य की 2 मुख्य राजनीतिक पार्टियां वंशवाद की राजनीति पर सवालों का सामना कर रही हैं लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अजीब स्थिति है, क्योंकि जे. जयललिता अपनी चिरविरोधी द्रमुक को वंशवाद के मुद्दे पर हमेशा निशाना बनाती रही हैं।
दोनों ही पार्टियां 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि बाकी 19 सीटें उन्होंने अपने सहयोगियों को दी हैं। राज्य में 39 लोकसभा सीटों के लिए 1 चरण में ही 18 अप्रैल को चुनाव होंगे। द्रमुक के दिवंगत नेता एम. करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, पूर्व नेता एमके अल्लागिरि और उनकी बेटी कनिमोझी सक्रिय राजनीति में हैं।
टीआरबी राजा और आईपी सेंथिल कुमार फिलहाल विधायक हैं। राजा द्रमुक के वरिष्ठ नेता टीआर बालू के पुत्र हैं। बालू श्रीपेरुंबुदूर लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं। सेंथिल कुमार पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक आई. पेरियासामी के पुत्र हैं। (भाषा)