-निखिल रंजन रॉयटर्स
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल गार्ड कॉर्प्स को कैलिफोर्निया में तैनात किया है। क्या अमेरिकी कानून में इसकी अनुमति है? कैलिफोर्निया के गवर्नर ने इस तैनाती को अदालत में चुनौती दी है। आप्रवासियों के खिलाफ छापों के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए नेशनल गार्डकी यह तैनाती की गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि विरोध प्रदर्शन संघीय कानून का पालन करने में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने इसे अमेरिकी सरकार के अधिकार के खिलाफ संभावित 'विद्रोह का एक रूप' करार दिया है।
रक्षा सचिव पीट हेगसलेथ ने सोमवार को कहा कि वह सक्रिय सेवा में तैनात 700 मरीन को विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के लिए बुलाकर काम पर लगाया है। सोमवार को कैलिफोर्निया की सरकार ने ट्रंप प्रशासन के लॉस एंजिल्स काउंटी में सैनिकों की 'गैरकानूनी' तैनाती के खिलाफ मुकदमा दायर किया। इस याचिका में नेशनल गार्ड की कमान गवर्नर गाविन न्यूसोम के कमांड में लाने की भी मांग की गई है।
सैनिकों की तैनाती के लिए किस कानून का नाम ले रहे हैं ट्रंप
ट्रंप ने 7 जून को नेशनल गार्ड को कैलिफोर्निया में संघीय सेवा की तैनाती के लिए यूएस कोड के टाइटल -10 का नाम लिया है। यह एक संघीय कानून है, जो अमेरिकी सशस्त्र सेना की भूमिका का दायरा तय करता है।
टाइटल 10 के सेक्शन 12406 में यह प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रपति नेशनल गार्ड यूनिट को संघीय सेवा में तैनात कर सकते हैं, अगर अमेरिका पर हमला हो, कोई विद्रोह या फिर विद्रोह का खतरा हो या फिर राष्ट्रपति नियमित बलों के सहारे अमेरिका में कानून का पालन नहीं करा पा रहे हों।
ट्रंप ने जिस कानून का नाम लिया उसमें क्या कर सकता है नेशनल गार्ड
1878 में बना पोसे कोमिटेटस एक्ट आमतौर पर अमेरिकी सेना को नागरिक कानूनों का पालन कराने की भूमिका निभाने से रोकता है। नेशनल गार्ड भी अमेरिकी सेना में शामिल है। सेक्शन 12406 इस पाबंदी के ऊपर नहीं जा सकता लेकिन यह सैनिकों को संघीय एजेंटों की सुरक्षा में लगाने की अनुमति देता है। खासतौर से वो अधिकारी, जो कानून का पालन करने में जुटे हैं।
इसके साथ ही संघीय संपत्ति की सुरक्षा भी उसकी जिम्मेदारी बन सकती है। उदाहरण के लिए नेशनल गार्ड के ट्रुब प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार नहीं कर सकते लेकिन वे लोगों को गिरफ्तार करने वाले यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इनफोर्समेंट के अधिकारियों की सुरक्षा कर सकते हैं।
कैलिफोर्निया की याचिका में क्या कहा गया है?
कैलिफोर्निया की ओर से दायर मुकदमे में कहा गया है कि गवर्नर की रजामंदी के बगैर राज्य में सैनिकों की तैनाती संघीय कानून और यूएस कंस्टिट्यूशन के 10वें संशोधन का उल्लंघन है, जो राज्यों के अधिकार की रक्षा करता है। राज्य की दलील है कि यह तैनाती टाइटल 10 के किसी शर्त को पूरा नहीं करती क्योंकि न तो विद्रोह है, न आक्रमण और न ही ऐसी स्थिति आई है जिसमें राज्य में संघीय कानून का पालन कराने में कोई दिक्कत हुई हो।
ट्रंप ने नेशनल गार्ड को तैनात करने से पहले न्यूसोम से सलाह मशविरा भी नहीं किया। यह सेक्शन 12406 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि इस सेक्शन में यह स्पष्ट किया गया यहा है कि नेशनल गार्ड को राज्यों के गवर्नर के जरिए ही तैनात किया जाना चाहिए। इस मुकदमे के जरिए राज्य चाहता है कि अदालत ट्रंप के आदेश को गैरकानूनी घोषित करे और इस पर अमल को रोका जाए।
अदालत इस विवाद को किस रूप में देख सकती है
इस तरह के विवाद शायद ही कभी पहले हुए हैं। 12406 का इस्तेमाल इससे पहले सिर्फ एक बार हुआ है। तब राष्ट्रपति निक्सन ने 1970 में पोस्टल सर्विस स्ट्राइक के दौरान इसे चिट्ठियां बांटने के लिए तैनात किया था। 5 कानूनी विशेषज्ञों ने आप्रवासियों के विरोध पर टाइटल-10 का इस्तेमाल करने पर आशंका जताई है। उनका कहना है कि यह भड़काऊ और जल्दबाजी है खासतौर से बिना न्यूसोम के सहयोग के।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कैलिफोर्निया का विरोध प्रदर्शन 'विद्रोह' के स्तर पर नहीं पहुंचा था और न ही संघीय सरकार को अमेरिकी कानूनों को लागू करने से रोका गया। विशेषज्ञों की राय इस पर बंटी हुई है कि अदालत सेक्शन 12406 पर गवर्नर की भूमिका के बारे में न्यूसोम की व्याख्या का समर्थन करेगी या नहीं।
पारंपरिक रूप से अदालतों ने 'शैल (चाहिए)' को दूसरे कानूनों की व्याख्या में काफी अहमियत दी है, जो न्यूसोम के इस रुख का समर्थन करता है कि नेशल गार्ड को तैनात करने में गवर्नर की सहमति होनी चाहिए। हालांकि दूसरे विशेषज्ञों का कहना है कि कानून में जो लिखा है वह यह बताता है कि नेशनल गार्ड की तैनाती किस तरह से होनी चाहिए, यह गवर्नर को यह विकल्प नहीं देता कि वह राष्ट्रपति के सेना की तैनाती के फैसले को नहीं माने।
सेना की तैनाती के लिए और किस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं ट्रंप
ट्रंप ज्यादा इनसरेक्शन एक्ट 1792 का इस्तेमाल कर दूरगामी कदम उठा सकते हैं। यह सेना को नागरिक कानूनों का पालन कराने में सीधी भागीदारी की अनुमति देता है। हालांकि इसका इस्तेमाल बहुत कम ही पहले हुआ है।
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी, उपराष्ट्रपति जेडी वैंस और ट्रंप के वरिष्ठ सहयोगी स्टीफन मिलर ने विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा के दौरान 'इनसरेक्शन' का नाम लिया था लेकिन प्रशासन ने अब तक इस एक्ट के इस्तेमाल से खुद को रोक रखा है।
पिछले राष्ट्रपतियों ने अमेरिका के अंदर सेना की तैनाती के लिए इसका इस्तेमाल किया है। 1794 में व्हिस्की विद्रोह और अमेरिकी गृह युद्ध के तुरंत बाद कू क्लुक्स क्लैन के उभार के समय इसका इस्तेमाल हुआ था। आखिरी बार जॉर्ड एच डब्ल्यू बुश ने इसका इस्तेमाल तब किया था जब कैलिफोर्निया के गवर्नर ने लॉस एंजिल्स में विरोध को दबाने के लिए सैन्य मदद मांगी थी। उस वक्त लॉस एंजिल्स के पुलिस अधिकारियों ने काले मोटरिस्ट रोडनी किंग की पिटाई की थी और उसके बाद उन पर मुकदमा चला था।
हालांकि राज्य के गवर्नर के आग्रह के बिना आखिरी बार नेशनल गार्ड को 1965 में तैनात किया गया था तब राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने अलबामा के मोंटगुमरी में नागरिक अधिकारों के लिए प्रदर्शनों को रोकने के लिए नेशनल गार्ड को बुलाया था।
मरीन के लिए क्या कानून है?
मरीन पर ट्रंप का अधिकार नेशनल गार्ड की तुलना में ज्यादा प्रत्यक्ष है। टाइटल 10 के तहत और सशस्त्र सेना के सुप्रीम कमांडर के रूप में ट्रंप उन्हें सीधे आदेश दे सकते हैं। हालांकि जब तक कि ट्रंप इनसरेक्शन कानून को लागू नहीं करते मरीन पर कुछ कानूनी बंदिशें हैं, जो उन्हें किसी 'खोज, जब्ती, गिरफ्तारी या इसी तरह की किसी और गतिविधि' में शामिल होने की इजाजत नहीं देतीं।
सोमवार को रक्षा विभाग ने कहा कि मरीन नेशनल गार्ड के कामों में सहयोग देने के लिए तैयार हैं। इनमें संघीय अधिकारियों और लॉस एंजिल्स की संघीय संपत्तियों को सुरक्षा देना शामिल है। उन्होंने इसमें अपनी सीमित भूमिकाओं का ही जिक्र किया है।