-निखिल रंजन एएफपी
Trump and Vladimir Putin meet : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अलास्का में अगले शुक्रवार को मिलेंगे। इस मुलाकात में यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर बातचीत होगी। यह युद्ध फरवरी 2022 में रूसी हमले से शुरू हुआ था। ट्रंप और पुतिन की इस मुलाकात में यूक्रेन के राष्ट्रपति शामिल होंगे या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि यूक्रेन और यूरोपीय देशों में इस बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई है। बैठक में अपनी भूमिका और उपस्थिति के बारे में जानकारी ना होने से यूक्रेन में बेचैनी है।
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनका देश 'कब्जा करने वालों को जमीन नहीं देगा।' जेलेंस्की का यह भी कहना है, 'बिना यूक्रेन को शामिल किए कोई फैसला करना, शांति के विरुद्ध होगा।' ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद शुरुआती महीनों में ही यूक्रेन में शांति समझौता कराने की कोशिश की। उनका दावा था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद 24 घंटे में युद्ध बंद करवा देंगे। हालांकि कई दौर की शांति वार्ता, फोन पर बातचीत और राजनयिक दौरों के बावजूद अब तक कोई बड़ा नतीजा नहीं निकला है।
अलास्का में मुलाकात जो कभी रूस का था
ट्रंप ने पुतिन के साथ मुलाकात की घोषणा अपने सोशल प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर की। यह मुलाकात 15 अगस्त को अमेरिका के सुदूर उत्तरी राज्य अलास्का में होगी। ट्रंप के एलान के बाद रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर ने भी अलास्का में मुलाकात को 'बिल्कुल तार्किक' बताते हुए खबर की पुष्टि की।
बीते दिनों ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की के बारे में टिप्पणी की, 'वे मुझसे मिलना चाहेंगे, मैं हत्याओं को रोकने के लिए जो भी संभव है करूंगा।' इसके बाद शुक्रवार (8 अगस्त) को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन 'दोनों की बेहतरी के लिए कुछ इलाकों की अदला-बदली होगी।' हालांकि उन्होंने इस बारे में और ज्यादा जानकारी नहीं दी।
अलास्का वो इलाका है, जो रूस ने 1867 में अमेरिका को बेच दिया था। इस राज्य का पश्चिमी छोर रूस के पूर्वी किनारे से ज्यादा दूर नहीं है। इनके बीच में बस बेरिंग की खाड़ी है। रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उषाकोव ने टेलिग्राम पर जारी एक बयान में कहा है, 'अलास्का और आर्कटिक ऐसी जगहों पर हैं, जहां हमारे देशों के आर्थिक हित हैं। वहां बड़े पैमाने पर आपसी फायदे की परियोजनाओं की संभावनाएं मौजूद हैं।'
उषाकोव ने यह भी कहा, 'निश्चित रूप से राष्ट्रपति खुद भी यूक्रेन संकट का दीर्घकालीन शांतिपूर्ण समाधान हासाल करने के विकल्पों पर बातचीत पर ध्यान देंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि अगली बार दोनों राष्ट्रपति रूसी इलाके में मिलेंगे, 'जिसका न्यौता अमेरिकी राष्ट्रपति को भेजा जा रहा है।'
पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट
दोनों राष्ट्रपतियों के मुलाकात की जगह चुनने में एक मसला अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत की ओर से जारी गिरफ्तारी के वारंट का भी था। सदस्य देशों के लिए इस हाल में रूसी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने की बाध्यता है, अगर पुतिन उन देशों में जाते हैं। इस वारंट की वजह से मुलाकात की संभावित जगहों के लिए विकल्प कम हो गए। पुतिन ने इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात का नाम लिया था। मीडिया ने तुर्की, चीन या भारत को संभावित जगह बताया था।
जेलेंस्की इस मुलाकात को त्रिपक्षीय बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। वह कहते आए हैं कि पुतिन से मिलना, शांति की ओर बढ़ने का एकमात्र तरीका है। ट्रंप और पुतिन की मुलाकात की पुष्टि होने के बाद जेलेंस्की ने कहा कि बिना यूक्रेन को साथ लिए कोई भी फैसला, 'जन्म लेते ही मर जाएगा।'
इस हफ्ते की शुरुआत में जब ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पुतिन से मुलाकात की थी, तब त्रिपक्षीय बातचीत का ही प्रस्ताव दिया था। हालांकि ऐसा लगता है कि रूसी नेता ने अपने यूक्रेनी समकक्ष से मुलाकात खारिज कर दी। इससे पहले जून में जब इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के वार्ताकार मिले, तब रूसी वार्ताकारों ने कहा कि पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात तब होगी जब दोनों पक्ष शांति की शर्तों पर रजामंद हो जाएंगे। ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या पुतिन को उनसे मिलने के पहले जेलेंस्की से मिलना होगा, तो उन्होंने कहा, 'नहीं, उन्हें ऐसा नहीं करना है।'
ट्रंप-पुतिन की कई बार टेलीफोन पर हुई बात
ट्रंप और पुतिन इससे पहले 2019 में जी20 सम्मेलन के दौरान जापान में मिले थे। तब ट्रंप का पहला कार्यकाल चल रहा था। उससे पहले 2018 में पुतिन और ट्रंप हेलसिंकी में मिले। हालांकि उस वक्त अमेरिकी खुफिया एजेंसियां न्यूयॉर्क के एक टाइकून की मदद के लिए अमेरिकी चुनावों में पुतिन की दखल के बारे में तहकीकात कर रही थीं।
जनवरी 2025 में ट्रंप के दोबारा कार्यकाल संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच अब तक टेलिफोन पर कई बार बातचीत हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति से अमेरिका में पुतिन की आखिरी मुलाकात 2015 में संयुक्त राष्ट्र आमसभा के दौरान हुई थी। उस वक्त बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे।
यूक्रेन में संघर्षविराम पर रूस का क्या रुख?
यह सवाल अकसर पूछा जाता है कि यूक्रेन युद्ध से आखिर पुतिन चाहते क्या हैं? कूटनीतिक हलचल बढ़ने और कई दौर की शांति वार्ता के बाद भी रूस और यूक्रेन युद्ध रोकने पर रजामंद होते नजर नहीं आ रहे हैं। पुतिन ने तत्काल संघर्ष विराम की अमेरिका, यूक्रेन और यूरोप की मांग ठुकरा दी है। जून की बातचीत में रूस ने यूक्रेन से कहा था कि वह उन इलाकों से अपनी फौज हटा ले, जिन्हें उसने अपने साथ मिला लिया है। इसके साथ ही यूक्रेन को एक तटस्थ देश बनने, पश्चिमी देशों के सैन्य सहयोग और नाटो में शामिल होने का इरादा छोड़ने की मांग रखी गई थी।
दूसरी तरफ यूक्रेन चाहता है कि तत्काल संघर्षविराम हो। उसने यह भी कहा है कि वह अपने संप्रभु इलाकों पर रूसी नियंत्रण को कभी स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि यूक्रेन ने यह भी कहा है कि जिस भू-भाग पर रूस ने कब्जा कर लिया है उन्हें कूटनीतिक तरीके से वापस लिया जाएगा, युद्ध के जरिए नहीं। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से यह भी गारंटी मांगी है कि वे संघर्षविराम होने पर उसे लागू कराने के लिए विदेशी सैनिकों को शांति सैनिकों के रूप में तैनाती करेंगे।