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Written By वार्ता
Last Modified: मुंबई (वार्ता) , बुधवार, 26 दिसंबर 2007 (09:34 IST)

एटीएम को लेकर रिजर्व बैंक सजग

एटीएम को लेकर रिजर्व बैंक सजग -
नया साल एटीएम का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए नई राहत लेकर आ सकता है। रिजर्व बैंक ने किसी एक बैंक के ग्राहकों द्वारा दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर लगने वाले शुल्क में पारदर्शिता लाने की दिशा में पहल की है।

केंद्रीय बैंक चाहता है आने वाले दिनों में एटीएम इस्तेमाल निशुल्क होना चाहिए। इसके लिए अप्रैल 2009 की तिथि तय की गई है लेकिन इससे पहले सभी बैंकों से मार्च 2008 तक एटीएम शुल्क 20 रु. तक घटाने को कहा गया है।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि एटीएम शुल्क के मामले में पारदर्शिता का अभाव बना हुआ है। एक बैंक के ग्राहक जब किसी दूसरे बैंक के एटीएम से नकदी की निकासी करता है तो कई बार 50 रु. से भी अधिक शुल्क वसूल लिया जाता है।

केंद्रीय बैंक ने एटीएम शुल्क नीति में पारदर्शिता लाते हुए सभी बैंकों से एटीएम शुल्क 20 रु. तक सीमित रखने की हिदायत दी है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि एटीएम शुल्क 20 रु. से अधिक नहीं होना चाहिए। रिजर्व बैंक ने यह भी प्रस्ताव किया है कि अप्रैल 2009 से एटीएम शुल्क पूरी तरह समाप्त हो जाना चाहिए। देश में इस समय कुल मिलाकर 31000 से अधिक एटीएम हैं।

कई बैंकों ने दूसरे बैंकों के साथ एटीएम नेटवर्क की साझा व्यवस्था की है। नकदी की निकासी और खाते में बकाया की पूछताछ के मामले में एटीएम का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।

केंद्रीय बैंक का कहना है कि एटीएम शुल्क अलग-अलग होने की वजह से ग्राहक को कई बार इस्तेमाल करने से पहले पता ही नहीं होता है कि उससे कितना शुल्क वसूला जाएगा।

परिणाम यह होता है कि आशंका से घिरा ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल करने से परहेज करता है। बैंक का मानना है कि सभी बैंकों को इस नवीन प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए एटीएम शुल्क में एकरूपता लानी चाहिए।