रूस और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों ने मंगलवार को सऊदी अरब में मुलाकात के दौरान संबंधों को सुधारने तथा यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू करने पर चर्चा की। यह बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है।
इस बैठक में यूक्रेन का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन धीरे-धीरे लेकिन लगातार रूसी सैनिकों के खिलाफ अपनी जमीन खो रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लगभग तीन वर्ष होने वाले हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अगर यूक्रेन इस वार्ता में हिस्सा नहीं लेता है, तो उनका देश इस सप्ताह की वार्ता में लिए गए किसी भी फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। यूरोप के देशों ने भी चिंता जताई है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।
बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक के जरिये दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद थी, जो पिछले कुछ दशकों में बेहद खराब हो गए।
रुबियो ने बैठक के बाद एसोसिएटेड प्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा कि दोनों पक्ष मोटे तौर पर तीन लक्ष्यों को प्राप्त करने पर सहमत हुए हैं। इनमें वाशिंगटन और मॉस्को में अपने-अपने दूतावासों में कर्मचारियों की बहाली, यूक्रेन शांति वार्ता का समर्थन करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम का गठन, तथा घनिष्ठ संबंधों और आर्थिक सहयोग की संभावनाएं तलाशना।
अमेरिका ने यूरोपीय देशों के साथ मिलकर रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। सहयोगी देशों ने कई बार रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए उपायों का विस्तार किया है। संबंधों में गिरावट के चलते पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और रूस दोनों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों का निष्कासन किया है।
इस बैठक का उद्देश्य ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का मार्ग प्रशस्त करना भी था। वार्ता समाप्त होने के बाद पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने रूस के चैनल वन को बताया कि उस शिखर सम्मेलन के लिए अब तक कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन इसके अगले सप्ताह होने की संभावना नहीं है।
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं को बताया था कि वार्ता मुख्य रूप से अमेरिका-रूस संबंधों को बहाल करने, साथ ही यूक्रेन के साथ समझौते पर संभावित वार्ता की तैयारी और दोनों राष्ट्रपतियों की बैठक आयोजित करने पर केंद्रित होगी।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि बैठक का उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि रूस शांति के प्रति कितना गंभीर है और क्या विस्तृत वार्ता शुरू की जा सकती है।
वहीं, फ्रांस ने युद्ध पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन की एक आपातकालीन बैठक बुलाई। रुबियो ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों की ओर से रजामंदी की आवश्यकता होगी और यूरोप वार्ता का हिस्सा होगा। रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर रुबियो ने कहा कि ये प्रतिबंध रूस के हमले के परिणामस्वरूप लगाए गए थे और केवल अमेरिका ने ही इन्हें नहीं लगाया है।
सऊदी अरब की राजधानी रियाद के दिरियाह पैलेस में हुई यह बैठक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मध्यस्थता करने के प्रयासों को भी उजागर करती है। वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या के बाद सलमान आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। भाषा