• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Madhya Pradesh PWD minister says, potholes are inevitable
Last Updated :भोपाल , शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 (13:36 IST)

मध्यप्रदेश के PWD मंत्री का 'गड्ढा सिद्धांत': क्या सड़कें और गड्ढे हमेशा साथ रहेंगे?

Madhya Pradesh PWD minister
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने हाल ही में सड़कों में गड्ढों को लेकर एक बयान दिया है, जिसे उन्होंने अपना "गड्ढा सिद्धांत" बताया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है और लोगों के बीच बहस का विषय बन गया है। आइए जानते हैं क्या है यह सिद्धांत और इसके क्या मायने हैं। 
 
राकेश सिंह का 'गड्ढा सिद्धांत' क्या है? मंत्री राकेश सिंह का कहना है कि "जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे भी रहेंगे।" उन्होंने इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मतलब यह नहीं है कि हर सड़क में हमेशा गड्ढे रहेंगे, बल्कि उनका आशय यह है कि सड़कों की एक निश्चित आयु होती है और उस आयु के करीब आने पर या कुछ विशेष परिस्थितियों में गड्ढे हो सकते हैं।
 
उनके अनुसार, अगर कोई सड़क जिसकी अनुमानित आयु पांच साल है, वह चार साल बाद गड्ढेदार हो जाती है, तो यह सामान्य बात है। लेकिन, अगर चार साल की आयु वाली सड़क छह महीने में ही गड्ढेदार हो जाए, तो यह गलत है और इसकी जांच होनी चाहिए। मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें दुनिया में ऐसी कोई सड़क तकनीक ज्ञात नहीं है जो कभी गड्ढेदार न हुई हो।
 
इस बयान के मायने क्या हैं? मंत्री का यह बयान सड़कों की गुणवत्ता और उनके रखरखाव पर चल रही बहस को एक नया आयाम देता है। एक ओर यह स्वीकार किया जा रहा है कि सड़कों का खराब होना एक सामान्य प्रक्रिया है, वहीं दूसरी ओर असमय खराब होने वाली सड़कों पर जवाबदेही तय करने की बात भी कही जा रही है। मप्र में बेढंगी पुल डिजाइन, ठेकेदारी और अफसरशाही और बढ़ते सड़क हादसे  में भ्रष्टाचार के चलते पीड्ब्ल्यु विभाग हमेशा से निशाने पर रहे हैं।

मंत्रीजी यह बयान PWD विभाग की चुनौतियों को भी दर्शाता है। भारत में सड़कों का जाल बहुत बड़ा है और उनका रखरखाव एक कठिन कार्य है। मानसून, अत्यधिक यातायात और निर्माण की गुणवत्ता जैसे कारक सड़कों को प्रभावित करते हैं। मंत्री का यह सिद्धांत एक तरह से इस वास्तविकता को स्वीकार करता है कि सड़कों को पूरी तरह से गड्ढा-मुक्त रखना एक बड़ी चुनौती है।
 
आम जनता और विशेषज्ञ क्या सोचते हैं?
मंत्री के इस बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग इसे एक व्यावहारिक दृष्टिकोण मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे विभाग की विफलता छिपाने का एक तरीका बता रहे हैं। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ अक्सर खराब सड़कों को दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण मानते हैं, और वे हमेशा बेहतर रखरखाव और इस मामलें में स्वीड्न तथा ऑस्ट्रेलिया जैसी जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की वकालत करते हैं।
 
यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री के इस "गड्ढा सिद्धांत" के बाद मध्य प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह बयान सड़कों के रखरखाव के लिए एक नई नीति का आधार बनता है।
edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
दृष्टि IAS वाले विकास दिव्यकीर्ति बुरे फंसे, जज ने लगाई फटकार, क्‍या है IAS vs Judge वीडियो वाला कनेक्‍शन?