गौतम अडाणी को अमेरिकी बाजार नियामक ने नहीं भेजा नोटिस, जानिए वजह
Gautam Adani news in hindi : अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने न्यूयॉर्क की एक अदालत को सौंपी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि वह भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी और उनके भतीजे को समन भेजने की कोशिश में लगातार जुटा हुआ है। यह मामला पिछले साल दायर एक दीवानी प्रतिभूति मामले से जुड़ा हुआ है। एसईसी को ये समन उचित कूटनीतिक माध्यमों से ही भेजने होंगे, क्योंकि उसके पास सीधे किसी विदेशी नागरिक को समन भेजने का अधिकार नहीं है।
अमेरिकी बाजार नियामक ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स आर चो को सूचित किया कि वह 'हेग सेवा संधि' के नियमों के तहत गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी को समन और शिकायत औपचारिक रूप से भेजने के लिए काम कर रहे हैं। प्रतिवादियों के भारत में निवास करने की वजह से एसईसी उन्हें अभी तक ये कानूनी दस्तावेज आधिकारिक तौर पर नहीं सौंप पाया है।
यह मामला कथित तौर पर 26.5 करोड़ डॉलर के भुगतान से संबंधित है। आरोप है कि नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए यह भुगतान किया गया था।
प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने मूल रूप से 20 नवंबर, 2024 को इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। इसमें आरोप है कि गौतम अदाणी और सागर ने अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सितंबर 2021 बॉन्ड के बारे में झूठे और भ्रामक बयान देकर अमेरिकी प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है।
एसईसी ने बताया कि संघीय दीवानी प्रक्रिया नियमों का नियम 4 (एफ) विदेशी न्याय-क्षेत्रों में दस्तावेजों की तामील (सेवा) को नियंत्रित करता है और हेग संधि जैसी अंतरराष्ट्रीय संधियों के उपयोग की अनुमति देता है। यह नियम कानूनी दस्तावेजों की तामील के लिए कोई विशिष्ट समय सीमा तय नहीं करता है, बशर्ते कि उचित प्रयास किए जा रहे हों।
अमेरिकी अदालत ने एसईसी से कहा है कि वह 11 अगस्त, 2025 तक इस मामले में अद्यतन जानकारी मुहैया कराए। एसईसी ने अदालत को बताया कि चूंकि प्रतिवादी भारत में हैं, लिहाजा उन्हें दस्तावेज देने की कोशिशें जारी हैं। इसमें हेग संधि के तहत भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी गई है, ताकि दीवानी या वाणिज्यिक मामलों में न्यायिक और न्यायेतर दस्तावेज़ों की विदेश में तामील सुनिश्चित की जा सके।
अमेरिकी बाजार नियामक ने पहले भी भारत के विधि और न्याय मंत्रालय से अडाणी पर समन और शिकायत की तामील करने के लिए मदद मांगी थी। एसईसी ने कहा कि प्रतिवादियों को समन और शिकायतें तामील कराने के लिए संबंधित भारतीय न्यायिक प्राधिकारियों के प्रयासों के संबंध में भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ पत्राचार किया गया है, लेकिन एसईसी को लगता है कि उन प्राधिकारियों ने अभी तक उसकी तामील नहीं कराई है।
एसईसी ने कहा कि उसने प्रतिवादियों और उनके वकीलों को सीधे शिकायत की प्रतियों सहित मुकदमे की सूचना और समन की तामील से छूट के लिए अनुरोध भी भेजे थे।
edited by : Nrapendra Gupta