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  4. Will Tej Pratap Yadav become the kingmaker in Bihar or will he spoil Tejashwi's political game
Last Updated : शुक्रवार, 27 जून 2025 (18:31 IST)

बिहार में तेज प्रताप यादव बनेंगे किंगमेकर या बिगाड़ेंगे तेजस्वी का सियासी खेल?

Bihar assembly elections
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इन दिन लालू यादव के बेटे  तेज प्रताप यादव सुर्खियों में है। दो बार के विधायक और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी, यह सबसे बड़ा सवाल है। अपनी कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ रिश्ते सार्वजनिक होने के बाद तेज प्रताप यादव का सियासी भविष्य भंवर जाल में उलझ गया है। पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप क्या अब सूबे की सियासत मे नई सियासी पारी खेलेगे, इसको लेकर भी अटकलों का दौर अब तेज हो गया है।

चुनाव से पहले तेज प्रताप यादव के अक्रामक तेवर– बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले अचानक तेज प्रताप यादव के तेवर तीखे नजर आ रहे है। तेज प्रताप अपने इंटरव्यू में लगातार कह रहे है कि बिहार की जनता ने देखा है कि राजद के चंद लोगों के कारण मुझे किस तरह पार्टी से बाहर किया गया है जनता मेरे स्वभाव को जानती है. मेरे स्वभाव का फायदा उठाकर कुछ 4-5 लोगों ने ऐसा किया है। इसके साथ ही तेज प्रताप ने कहा कि मैं डरने वाला नहीं हूं, मैं परिस्थिति का सामना करूंगा। मैं उन 4-5 लोगों के नाम उजागर करूंगा जिन्होंने मेरे साथ ऐसा किया है।

वहीं अब तेज प्रताप यादव काफी मुखर नजर आ रहे है। पिछले दिनों उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए बिहार सरकार से सुरक्षा की मांग की है। तेज प्रताप यादव ने कहा कि अब मैं न्याय मांगने जनता के बीच जाऊंगा. कोई भी अपनी निजी जिंदगी में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेगा, मैं न्यायालय से मदद मांगूंगा. मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए, क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी जान को खतरा है. मैं उन 4-5 लोगों को नहीं छोड़ूंगा जिन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद की है।

इससे पहले 19 जून को तेज प्रताप यादव ने पिता लालू प्रसाद यादव की फोटो के साथ एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल करने वालों, ये मत समझना कि मुझे तुम्हारी साजिशों का पता नहीं। शुरुआत तुमने किया है अंत मैं करूंगा. झूठ और फरेब के बनाए इस चक्रव्यूह को तोड़ने जा रहा हूं. तैयार रहना सच सामने आने वाला है। मेरी भूमिका मेरी प्यारी जनता और माननीय सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा, कोई दल या परिवार नहीं।

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले तेज प्रताप यादव को लेकर लालू परिवार में छिड़े सियासी घमासान पर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दीपक कोचगवे कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव के परिवार में काफी लंबे से इंटनल प्रॉब्लम चल रही है जिस तरह से लालू ने अपनी राजनीतिक विरासत एक तरह से तेजस्वी को सौंप दी है उससे परिवार में मतभेद खुलकर सामने आ गए है। लालू यादव तो आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी तेजस्वी को सौंपना चाहते थे लेकिन मीसा भारती के कारण यह संभव नहीं हो सका। ऐसे में लालू परिवार में राजनीतिक विरासत को लेकर अंदरखाने एक पारिवारिक संघर्ष नजर आता है।

अखिलेश के साथ वीडियो कॉल से सुर्खियों में-तेजप्रताप यादव की पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर हुई चर्चा भी बिहार की सियासत में खूब सुर्खियों में है। अखिलेश से  चर्चा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए तेज प्रताप यादव ने लिखा कि अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे है और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नही हूँ।

एक्स के कवर पेज पर लालू नहीं मुलायम की तस्वीर-अनुष्का यादव के साथ तेज प्रताप यादव की तस्वीरें सामने आने के बाद लालू यादव ने तेज प्रताप को घर से निकाल दिया था लेकिन तेज प्रताप हमेशा से पिता को लेकर इमोशनल नजर आते रहे है। वहीं इन दिनों तेज प्रताप यादव के सोशल मीडिया हैंडल एक्स के करव पेज पर लालू यादव की तस्वीर नहीं होना खासा सुर्खियों में है। तेज प्रताप के एक्स के कवर पेज जेपी और लोहिया साथ मुलायम सिंह यादव की तस्वीर तो है लेकिन लालू प्रसाद यादव की तस्वीर है।

तेज प्रताप यादव और लालू के रिश्ते पर कई दशकों से लालू परिवार की राजनीति को देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे कहते हैं कि यह पूरा मामला पॉलिटिक्ल नूराकुश्ती नजर आ रहा है। दरअसल तेज प्रताप यादव को जिस तरह से पहली ही पत्नी ऐश्वर्या से तलाका का मामला चल रहा है वहीं अब अनुष्का के साथ तेज प्रताप की तस्वीर आई उससे लालू को चुनाव में सियासी नुकसान होने का खतरा लगने लगा था, इसलिए उन्होंने तेज प्रताप को पार्टी से बाहर करने का फैसला किया जिसका कोई बहुत ज्यादा नुकसान आरजेडी को नहीं होने वाला है।

इसके साथ ही दीपक कोचगवे कहते हैं कि तेज प्रताप यादव की आजेडी में वापसी तय है चाहे वह चुनाव के वक्त हो या चुनाव के बाद। इसलिए तेज प्रताप यादव अपने इंटरव्यू में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद देते नजर आ रहे है। तेज प्रताप यादव का परिवार और आरजेडी से बाहर होना एक टेंपरेरी आरजमेंट जैसा है।

तेज प्रताप का नया दांव जनता दरबार-विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेज प्रताप अब बिहार की जनता से सीधे जुड़ने के लिए जनता दरबार का आयोजन  करने जा  रहे है, इसकी शुरुआत 30 जून से  होने  जा  रही है। सोशल मीडिया के जरिए तेज प्रताप ने जनता दरबार की जनाकारी  देते लिए लिखा जनता का दरबार, जनसमस्याओं का सीधा समाधान,आपके बीच,आपकी आवाज़ बनने के लिए तत्पर,आइए साथ मिलकर रचें बिहार का नया अध्याय,सदैव आपके साथ ,सदैव बिहार के साथ सोमवार दिनांक 30 जून से 26 एम स्ट्रेड रोड स्थित मेरे आवास से जनता दरबार शाम 6 से 8 बजे तक होगी। वहीं तेज प्रताप ने इन दिनों पटना स्थित अपने सरकारी आवासी पर  हर शाम- जनता के नाम“ के तहत “सीधी बात-सीधा समाधान” कार्यक्रम करते है, जिसमें वह लोगों चर्चा करते है

समर्थकों के साथ नई रणनीति बनाने में जुटे तेज प्रताप- जैसे-जैसै बिहार में चुनाव नजदीक आता जा रहा है, तेज प्रताप यादव की सक्रियता बढ़ती जा रहे है। तेज प्रताप यादव पटना में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि तेज प्रताप यादव क्या करेंगे, क्या वह अपनी नई पार्टी बनाएंगे, क्या वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे।

अगर देख जाए तो तेज प्रताप यादव पहले यदुवंशी सेना और तेज सेना का गठन कर चुके है। बिहार में यादव समुदाय की आबादी 12 प्रतिशत है और तेज प्रताप यादव ने यदुवंशी  सेना के जरिए  यादव समुदाय के युवाओं को अपने साथ जोड़ा था। इसके  साथ ही तेज प्रताप यादव ने सितंबर 2021 में छात्र जनशक्ति परिषद नामक एक नए छात्र संगठन की स्थापना की। तेज प्रताप यादव ने संगठन की स्थापन पर कहा था कि इसका प्राथमिक लक्ष्य बिहार की बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना होगा।

तेज प्रताप यादव क्या नई पार्टी का गठन करेंगें इस पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे कहते हैं कि तेज प्रताप किसी भी हालत में नई पार्टी खड़ा करने की स्थिति में नहीं है। वह कहते हैं कि न तो तेजप्रताप यादव का कोई सियासी जनाधार है और न वह ऐसे जमीनी नेता जो नई पार्टी का नेतृत्व कर सके। वहीं अगर बात युवा चेहरे की हो तो तेज प्रताप यादव की तुलना में तेजस्वी यादव युवाओं में काफी लोकप्रिय है और यूथ ऑइकन के तौर पर नजर आते है।