एसबीआई में खाता है तो काम की खबर
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देश के कई बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने के एवज में एसबीआई ने अपने ग्राहकों से 1,771 करोड़ रुपए वसूल किए हैं।
वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार साल 2017 के दौरान एसबीआई ने अपने ग्राहकों से मिनिमम अकाउंट बैलेंस नहीं रखने के एवज में 1,771 रुपए वसूल किए हैं। स्टेट बैंक के जुलाई-सितंबर की तिमाही के नेट प्रॉफिट 1581.55 करोड़ से भी ज्यादा और अप्रैल-सितंबर के नेट प्रॉफिट 3586 करोड़ के आधे हैं। एसबीआई मेट्रो और शहरी क्षेत्र में बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस न रख पाने की स्थिति में चार्जेस वसूलता है।
पहले यह चार्ज 5000 रुपये था, जिसे इन क्षेत्रों के लिए घटाकर 3000 रुपए कर दिया गया है। हालांकि एसबीआई ने पेंशनभोगियों, पहला कदम पहली उड़ान खातों और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्ज से छूट दी है। फाइनेंसियल इन्क्लयूसन एकाउंट्स, बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट एकाउंट्स, स्मॉल अकाउंट्स, सैलरी अकाउंट, प्राइमरी अकाउंट होल्डर जैसे अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।