नई दिल्ली। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने यूटीआई एएमसी मामले में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, एलआईसी पर 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के सेबी के फैसले पर रोक लगा दी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अगस्त 2020 में 3 सरकारी वित्तीय संस्थानों पर तय समयसीमा के भीतर यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) में अपनी हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत से कम करने में विफल रहने पर जुर्माना लगाया था।
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तीनों कंपनियों को मार्च 2019 तक यूटीआई एएमसी में अपनी हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक लाना था जबकि उनमें से प्रत्येक के पास 18.24 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों के अनुसार म्यूचुअल फंड के किसी भी प्रायोजक को किसी दूसरे म्यूचुअल फंड या ट्रस्टी फर्म में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति नहीं है।
सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों के अनुसार म्यूचुअल फंड के किसी भी प्रायोजक को किसी दूसरे म्यूचुअल फंड या ट्रस्टी फर्म में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति नहीं है।
सेबी के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और भारतीय जीवन
बीमा निगम (एलआईसी) ने न्यायाधिकरण का रुख किया था। सैट ने 7 जनवरी के अपने आदेश में कहा कि इस मामले में किसी मौद्रिक दंड का कोई औचित्य नहीं पाया गया है और इसमें एक चेतावनी पर्याप्त है। (भाषा)