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Last Updated :कोलकाता , शुक्रवार, 30 मई 2025 (16:23 IST)

शुद्ध वित्तीय बचत इस वित्त वर्ष में 22 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान: एसबीआई रिसर्च

SBI Research
SBI Research: वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध घरेलू वित्तीय बचत 22 लाख करोड़ रुपए या सकल राष्ट्रीय खर्च योग्य आय (GNDI) का 6.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। भारतीय स्टेट बैंक SBI) की रिपोर्ट में मौजूदा रुझानों के आधार पर यह कहा गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध वित्तीय बचत जीएनडीआई का 5.1 प्रतिशत रही थी जबकि 2022-23 में यह 4.9 प्रतिशत थी।ALSO READ: SBI, PNB और अन्य बैंकों ने दिया दिलासा, ATM में पर्याप्त नकदी और वे पूरी तरह से सुचारु
 
आरबीआई का बही-खाता 8.19 प्रतिशत बढ़ा : एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की पूंजी सरकार और कंपनी घाटे को वित्तपोषित करने एवं व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। आरबीआई अधिशेष का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि रुपए की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक के प्रयास इसकी मात्रा निर्धारित करने में एक प्रमुख कारक थे। वित्त वर्ष 2024-25 में आरबीआई का बही-खाता 8.19 प्रतिशत बढ़ा, जो कि बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत से कम है।ALSO READ: SBI का मुनाफा मार्च तिमाही में 10 प्रतिशत घटकर 18,643 करोड़ रहा, NPA घटकर कुल कर्ज का 1.82 प्रतिशत रहा
 
2.69 लाख करोड़ रुपए की अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित : रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई की 2.69 लाख करोड़ रुपए की अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है, जिससे राजकोषीय स्थिति में सुधार होगा। इसमें कहा गया कि धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है, लेकिन धोखाधड़ी की राशि 3 गुना होकर 36,014 करोड़ रुपए हो गई है। दूसरी ओर कार्ड एवं इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी के मामले 2023-24 के 29,802 से घटकर 2024-25 में 13,516 पर रहे। रिपोर्ट में कहा गया कि संक्षेप में कहें तो भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूती और बदलाव के मुहाने पर खड़ी है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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