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Last Modified: बुधवार, 23 अक्टूबर 2019 (21:28 IST)

BSNL, MTNL का विलय होगा, मोदी सरकार ने दिया 68,751 करोड़ का पैकेज

BSNL, MTNL का विलय होगा, मोदी सरकार ने दिया 68,751 करोड़ का पैकेज - Modi government special package to save BSNL and MTNL
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों BSNL और MTNL के लिए 68,751 करोड़ रुपए के पुनरुद्धार पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसमें एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय, कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) और 4G स्पेक्ट्रम आवंटन शामिल है। बीएसएनएल में करीब 1.68 लाख कर्मचारी हैं जबकि एमटीएनएल के करीब 22,000 कर्मचारी हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को मंजूरी दे दी गई है। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की अनुषंगी के रूप में काम करेगी।
 
पुनरुद्धार पैकेज में दोनों कंपनियों की तत्काल पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड, 4G स्पेक्ट्रम के लिए 20,140 करोड़ रुपए, कर्मचारियों के VRS के लिए 29,937 करोड़ रुपए और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपए की राशि दिया जाना शामिल है। कर्मचारियों की सेवानिवृति के तौर पर दी जाने वाली राशि में कंपनी के 50 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। दूरसंचार कंपनी को दिए जाने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन पर माल एवं सेवाकर के रूप में दी जाने वाली 3,674 करोड़ रुपए की राशि भी पैकेज में शामिल की गई है।
 
प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के मामले में सरकार का रुख स्पष्ट है। ये भारत की सामरिक संपत्तियां हैं। सेना के पूरे नेटवर्क का रखरखाव बीएसएनएल द्वारा किया जाता है। वीआरएस पैकेज के तहत पात्र कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक कंपनी की सेवा करके अर्जित होने वाली आय का 125 प्रतिशत मिलेगा। इस फैसले के साथ हमने इन सार्वजनिक कंपनियों के लाखों कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा है।
 
दोनों कंपनियों पर 40000 करोड़ का कर्ज : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वीआरएस पूरी तरह से स्वैच्छिक है, कोई भी इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसमें से आधा कर्ज एमटीएनएल का है। यह सिर्फ दिल्ली और मुंबई में परिचालन करती है। दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लंबे समय से स्पेक्ट्रम की मांग कर रही थी ताकि 4 जी सेवा शुरू की जा सके।
 
इक्विटी शेयर के बदले स्पेक्ट्रम : प्रकाश ने कहा कि बीएसएनएल को इक्विटी शेयर के बदले 14,115 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम आवंटन होगा और एमटीएनएल को तरजीही शेयरों के एवज में 6,295 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम आवंटन किया जाएगा। सरकार तीन साल की अवधि में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 37,500 करोड़ रुपए की संपत्ति का मौद्रीकरण करते हुए उसकी बिक्री करेगी या फिर पट्टे पर देगी।
 
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