अगर आपके पास भी है ULIP पॉलिसी तो यह खबर आपके काम की है
IRDA on ULIP Policy : भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने एक मुख्य परिपत्र जारी कर यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं (यूलिप) को निवेश उत्पाद के रूप में प्रचारित करने पर रोक लगा दी है।
इरडा के 19 जून के परिपत्र में कहा गया कि यूनिट-लिंक्ड या इंडेक्स-लिंक्ड बीमा उत्पादों को निवेश उत्पाद के रूप में विज्ञापित नहीं किया जाएगा।
बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि बाजार से जुड़ी बीमा योजनाएं पारंपरिक बंदोबस्ती पॉलिसियों से भिन्न हैं और उनमें जोखिम भी होता है। इसी तरह, भाग लेने वाली (बोनस के साथ) बंदोबस्ती पॉलिसियों को पहले ही यह बताना होगा कि मुनाफे में अनुमानित बोनस की गारंटी नहीं है।
इरडा ने कहा कि परिवर्तनीय वार्षिकी भुगतान विकल्प के साथ लिंक्ड बीमा उत्पादों और वार्षिकी उत्पादों के सभी विज्ञापनों में जोखिम कारकों का खुलासा किया जाएगा।
क्या होती है ULIP पॉलिसी : यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान वास्तव में इंश्योरेंस पॉलिसी और मार्केट लिंक इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट से मिलकर बना होता है। इसमें प्रीमियम का एक हिस्सा इक्विटी या डेट फंड में जाता है। इसमें एक साथ बीमा और निवेश का ऑफर 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है। ग्राहकों को रिस्क के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप, डेट या बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की छूट दी जाती है। इसी के साथ अलग-अलग फंडों में स्विच करने की भी अनुमति मिलती है। यूलिप दो प्रकार के होते हैं- पेंशन और एंडोमेंट प्लान।
यूलिप में निवेश से पहले आपकों देखना होगा कि आप इस प्रोडक्ट को इन्वेस्टमेंट व्हीकल के रूप में देखते हैं या लाइफ कवर के रूप में। इसमें निवेश करने के लिए आपके पास निवेश का लंबा समय होना चाहिए और बाजार से जुड़े उत्पादों के बारे में जानना चाहिए।
हालांकि कई वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि बीमा और निवेश 2 अलग अलग चीजे हैं। दोनों को मर्ज नहीं करना चाहिए। अगर बीमा करना है तो पूरा बीमा हो और निवेश करना हो तो पूर्ण निवेश प्लान को चुनें। दोनों के घालमेल से ज्यादा फायदा नहीं होता। नुकसान होने संभावना जरूर रहती है।
Edited by : Nrapendra Gupta