तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि के 5.4 प्रतिशत पर रहने से घटा GDP विकास अनुमान
नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के 5.4 प्रतिशत रहने के कारण सरकार ने जीडीपी वृद्धि अनुमान को पहले के 9.2 प्रतिशत से घटाकर दूसरे अग्रिम अनुमान में इसको 8.9 प्रतिशत कर दिया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने आज दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया जिसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में दिसंबर में समाप्त तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही है। इस अवधि में जीडीपी 38.22 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 36.26 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस तरह इसमें 5.4 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत और पहली तिमाही में यह 20.1 प्रतिशत रही थी। इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में देश का जीडीपी 147.72 लाख करोड़ रुपए रह सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष के 135.58 लाख करोड़ रुपए के जीडीपी की तुलना में 8.9 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी में 6.6 प्रतिशत की ऋणात्मक बढोतरी हुई थी। वर्तमान मूल्य पर जीडीपी के 19.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसके पिछले वित्त वर्ष के 198.01 लाख करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर 236.44 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्र 9.8 प्रतिशत की गति से बढ़ेगा। इसी तरह से खान एवं खनन 59.4 प्रतिशत, विनिर्माण 22.8 प्रतिशत, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाएं 12.4 प्रतिशत, निर्माण 29.4 प्रतिशत, ट्रेड, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाएं 23.6 प्रतिशत, वित्त, रियलटी एवं पेशेवर सेवाएं 12.9 प्रतिशत और लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं के 18.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।