मुंबई। Go First files for bankruptcy : वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) नकदी के गंभीर संकट की वजह से 3 से 5 मई तक अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित रखेगी। इससे पहले, एयरलाइन ने दो दिन के लिए उड़ानें निलंबित करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही एयरलाइन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ में स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए भी आवेदन किया है। गो फर्स्ट की तरफ से यह भी बताया गया है कि यात्रियों को उनका रिफंड कैसे मिलेगा।
एयरलाइन के प्रमुख कौशिक खोना ने से कहा कि एयरलाइन को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से अपने बेड़े के आधे से अधिक यानी 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है। इस वजह से एयरलाइन के समक्ष नकदी का संकट पैदा हो गया है।
यात्रियों को वापस करेगी पैसा : गो फर्स्ट ने यह भी कहा कि वह यात्रियों को उनके टिकट का पूरा पैसा वापस करेगी। कंपनी ने कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि परिचालन संबंधी कारणों से गो फर्स्ट की उड़ानें 3 , 4 और 5 मई, 2023 को निलंबित रहेंगी। उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को जो असुविधा हुई हैं, हम उसके लिये माफी मांगते हैं...हम जो भी सहायता दे सकते हैं, वह देंगे और उसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
कैसे मिलेगा रिफंड : गो फर्स्ट ने ट्वीट कर बताया कि जल्द ही यात्रियों को उनका पूरा रिफंड (Go First Flight Refund) ओरिजिनल पेमेंट मोड में कर दिया जाएगा। बता दें कि ओरिजनल पेमेंट मोड मतलब टिकट बुक करते समय आपने जिस माध्यम से पैसे दिये वैसे ही उसकी वापसी होगी।
उन्होंने कहा कि दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है लेकिन कंपनी के हितों के संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी था।
एयरलाइन ने सरकार को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी दे दी है। साथ ही वह नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने जा रही है।
कंपनी ने नोटिस में कहा कि एयरलाइन की उड़ानें तीन, चार और पांच मई को निलंबित रहेंगी। उसके बाद उड़ानों का परिचालन फिर शुरू होगा। गो फर्स्ट के कर्मचारियों की संख्या 5,000 से अधिक है।
न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इंजन आपूर्ति से संबंधित परिचालन बाधाओं के कारण एयरलाइन की वित्तीय स्थिति को झटका लगना दुर्भाग्यपूर्ण है।
एयरलाइन के ऋण शोधन समाधान कार्यवाही के लिये स्वैच्छिक आवेदन देने को देखते हुए सिंधिया ने कहा कि यह बेहतर होगा कि न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार किया जाए।
सिंधिया ने बयान में कहा कि गो फर्स्ट को इंजन के संदर्भ में आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सरकार हर संभव तरीके से एयरलाइन की मदद कर रही थी। मामले को संबंधित पक्षों के साथ उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि परिचालन संबंधी बाधाओं के कारण एयरलाइन की वित्तीय स्थिति को झटका लगना दुर्भाग्यपूर्ण है।
मंत्री ने कहा कि यह हमारी जानकारी में आया है कि एयरलाइन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में आवेदन किया है। यह बेहतर होगा कि न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार किया जाए।
सिंधिया ने यह भी कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कुछ उड़ानों को अचानक से निलंबित करने को लेकर कंपनी को नोटिस जारी किया है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिये वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करना एयरलाइन का कर्तव्य है ताकि परेशानी कम से कम हो। पीटीआई Edited By : Sudhir Sharma