फ्लाइट लेट होने पर जुर्माना बढ़ाने का नियम सप्ताह के अंत तक
नई दिल्ली। टिकट रद्द कराने का शुल्क कम करने तथा उड़ान में देरी होने पर जुर्माना बढ़ाने संबंधी नियमों को इस सप्ताह के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सिविल एविएशन रेगुलेशन (सीएआर) में इन संशोधनों का प्रारूप गत 11 जून को जारी किया गया था। इस पर 27 जून तक आम लोगों तथा अन्य संबद्ध पक्षों से सुझाव एवं टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई थीं।
नागर विमानन महानिदेशक एम. सत्यवती ने यूनीवार्ता को बताया कि अंतिम तिथि तक 20 टिप्पणियाँ आई हैं। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के अंत तक नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाए गा।
डीजीसीए ने 11 जून को तीन संशोधनों का प्रस्ताव किया था। एक टिकट रद्द कराने की स्थिति में कैंसिलेशन शुल्क के बारे में था। इसमें कहा गया था कि किसी भी स्थिति में कैंसिलेशन शुल्क मूल किराए से अधिक नहीं हो सकता। दूसरा यात्रियों को टिकट देने के बावजूद बोर्डिंग से मना करने, उड़ान रद्द होने या इसमें देरी होने से संबंधित था। इसमें अधिकतम हर्जाना बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की बात थी।
तीसरा संशोधन हवाई अड्डों पर तथा विमान के भीतर विकलांग यात्रियों को अनुकूल सुविधाएँ प्रदान करने से था। डीजीसीए का कहना है कि प्रारूप तैयार करने से पहले सभी घरेलू विमान सेवा कंपनियों को विश्वास में लिया जा चुका है इसलिए, उनकी तरफ से कोई विशेष आपत्ति नहीं होनी चाहिए। (वार्ता)