Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 17 दिसंबर 2015 (15:55 IST)
चूहे भी करते हैं बॉडी लैंग्वेज का इस्तेमाल
नई दिल्ली। चूहे भी इंसानों की तरह बॉडी लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं और इसलिए मानव मस्तिष्कीय ढांचे और इसके संचालन को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनकी कार्यपद्धति का अध्ययन किया जा रहा है।
हॉवर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोबायोलॉजी के सहायक प्रोफेसर संदीप दत्ता की अगुआई में वैज्ञानिकों ने चूहों की शारीरिक गतिविधियों को समझने के लिए एक नई तकनीक भी विकसित की है।
'न्यूरॉन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार शोध की इस कड़ी में न्यूरोसाइंस में मानवीय व्यवहार की समझ के आधार पर वर्गीकृत व्यवहार की विशेषता न समझ पाने जैसी दीर्घकालिक समस्या के निदान के लिए समाधान भी बताया गया है।
रिपोर्ट के लेखक संदीप दत्ता ने कहा कि अगर आप मस्तिष्क में देखें तो पाएंगे कि किसी भी व्यक्ति का मस्तिष्क कोशिका जानवरों के व्यवहार पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है, तो पता चलता है कि दिमाग पूरी तरह एक शोरगुल वाला स्थान है।
दत्ता ने कहा कि इस विधि के जरिए एक नई जानकारी यह हासिल की जा सकती है कि मस्तिष्क में व्यवहार किस प्रकार उत्पन्न होता है और किसी बीमारी के दौरान इसकी प्रक्रिया कैसी होती है।
शोधकर्ताओं की टीम को उम्मीद है कि यह विधि इंसान के स्वयं की मस्तिष्कीय कार्रवाई को बेहतर ढंग से समझने के लिए सहायक होगी। दत्ता की टीम की ओर से मस्तिष्कीय व्यवहार पर की गई इस अध्ययन से इसके संचालन की समझ को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
दत्ता के प्रयोगशाला के छात्र अलेक्जेंडर विश्लेषकों के नेतृत्व में यह अनुसंधान चूहों के व्यवहार पर अध्ययन करने के लिए शुरु किया गया था। विश्लेषकों ने इसके लिए चूहों की हर गतिविधि का बड़ी बारीकी से अध्ययन किया कि वे कैसे किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया देते हैं।
उन्होंने चूहों का किसी खुशबू को सूंघने, ठंड लगने या कोई बॉल देखने वाले वीडियो का गहराई से अध्ययन किया। चूहे निशाचर जीव होते हैं। (वार्ता)