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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 6 नवंबर 2023 (09:57 IST)

पटाखों पर बैन, नहीं होगी रोशनी, जानिए कैसी रहेगी सीमावासियों की दिवाली

पटाखों पर बैन, नहीं होगी रोशनी, जानिए कैसी रहेगी सीमावासियों की दिवाली - Diwali on Jammu kashmir border
Jammu Kashmir news : कई सालों से सीजफायर की खुशी मनाने वाले सीमावासियों की खुशियों को इस बार ग्रहण लग गया है। सीमा सुरक्षा बल के निर्देशों के उपरांत वे पिछले कई दिनों से रात के अंधेरे में रातें काटने को मजबूर हैं। अब तो अधिकारियों ने जम्मू सीमा के 5 किमी के दायरे में पटाखे बेचने और फोड़ने पर भी प्रतिबंध लागू कर दिया है।
 
10 दिन पहले पाक रेंजरों ने जम्मू सीमा के कई सेक्टरों में गांवों को गोलों की बरसात से पाट दिया तो सीमावासी हैरान रह गए थे। पिछले एक साल से सीमा पर बनी हुई शांति के भंग होने का परिणाम यह है कि पाक सेना की गोलाबारी के डर से अब सीमावासी रात को अपने घरों की लाइटें नहीं जला पा रहे हैं।
 
ऐसा करने के लिए उन्हें बीएसएफ ने निर्देश दिशा है। वे बिना रोशनी के रातें तो काटने को तैयार हैं पर उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत खेतों में पक्की हुई फसलों को काटने के लिए श्रमिकों की कमी की है।
 
चानना के सीमांत गांव के रहने वाले राजकुमार के बकौल, लंबे अरसे से बनी हुई शांति के भंग होते ही सबसे पहले वे प्रवासी श्रमिक उन्हें छोड़ कर भाग निकले हैं जिनके आसरे सही मायने में आजकल सीमांत गांवों में फसलों की पैदावार हो रही है।
 
अरनिया गांव के सीमावर्ती किसान बहुतेरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों का सहारा मिल जाए। पर गोलीबारी के डर से प्रवासी श्रमिक मुहंमांगे मेहनताने पर भी उन खेतों में जाने को तैयार नहीं हैं जो जीरो लाइन से सटे हुए हैं। नतीजतन गांववासियों को अपने सभी काम काज छोड़ कर फसलों को समेटने में जुट जाना पड़ा है।
 
यह बात अलग है कि उस पार पाक सेना ने अपने किसानों को पहले ही चेताते हुए उस पार के खेतों से सभी फसलों को कटवा दिया था। और अब प्रशासन के एक और आदेश ने उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है।

सरकारी आदेश के मुताबिक, जम्मू सीमा के पांच किमी के दायरे में न ही इस बार दीवाली पर पटाखे बेचने की अनुमति होगी और न ही पटाखे फोड़ने की। अर्थात इस बार की उनकी दीवाली काली ही होगी।
 
पहले ही फसलों और घरों को पाक गोलाबारी के कारण पहुंची तबाही के कारण उनकी परेशानी कम नहीं थी और अब वे दीवाली की खुशी मनाने से भी वंचित कर दिए गए हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta