आप चाहते हैं दुनिया से मच्छर गायब हो जाएं, लेकिन वैज्ञानिक इन्हें बचा रहे हैं, आखिर क्या है वजह?
हर कोई चाहता है कि उसे मच्छर न काटे और वैज्ञानिक भी चाहते हैं कि मच्छरजनित बीमारियां खत्म हो जाएं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया के सारे मच्छर गायब हो जाएं तो कितना नुकसान होगा? शायद आपको पता नहीं है कि मच्छर दुनिया के लिए और पर्यावरण के लिए कितने फायदेमंद और जरूरी है। आखिर क्या वजह है कि वैज्ञानिक मच्छरों को बचाना चाहते हैं। वजह जानकर आप भी सहमत हो जाएंगे।
द कनवर्सेशन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार मच्छर कीड़ों की एक बड़ी प्रजाति (Species of mosquitoes) है। इन्हें फ्लाय यानी उड़ने वाले कीड़ों की श्रेणी में रखा जाता है। इस वजह से वयस्क मच्छर और उनका बच्चा, यानी लार्वा एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। मधुमक्खी या हड्डा जैसे फ्लाय के जहां 4 पंख होते हैं, वहीं मच्छरों के सिर्फ 2 पंख होते हैं। कई फ्लाय काटने वाली होती हैं। वो दूसरे प्राणी का खून चूस कर ही पनप सकती हैं। ऐसे फ्लाय में हॉर्सफ्लाय भी आते हैं मगर मच्छर इस श्रेणी के सबसे आम कीड़े हैं।
मच्छरों को बचाना जरूरी है
वैज्ञानिक मच्छरों को दुनिया के लिए जरूरी मानते हैं, यहां तक कि उन्हें खत्म करने की बजाए उन्हें बचाने को लेकर प्रयास चल रहे हैं। क्योंकि मच्छर पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया में मच्छरों की करीब 3500 प्रजातियां हैं और वो सब एक दूसरे से काफी अलग हैं। कुछ रात के वक्त ज्यादा एक्टिव रहते हैं वहीं कुछ दिन में।
मादा मच्छर सबसे खतरनाक
कई लोगों को शायद ये नहीं पता रहता कि सिर्फ मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती हैं क्योंकि उसी के जरिए वो अंडे दे सकती हैं। नर मच्छर जिंदा रहने के लिए फूलों का रस चूसते हैं। अगर मादा मच्छर ने किसी ऐसे इंसान या जानवर का खून चूस लिया, जिसे कोई भयंकर बीमारी या शरीर में वायरस है, तो उसके बाद जब मादा मच्छर दूसरे इंसान को काटेगी तो वो वायरस को फैला सकती है। मच्छरों की इतनी प्रजातियों में से सिर्फ 40 प्रजातियों की मादाएं बेहद खतरनाक हो सकती हैं जिनसे मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियां हो जाती हैं।
मच्छर नहीं होंगे तो क्या होगा दुनिया में?
अब जानते हैं कि आखिर क्यों मच्छर दुनिया के लिए जरूरी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मच्छरों के गायब हो जाने से पर्यावरण और इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ सकता है। कई ऐसे जीव होते हैं जो इन मच्छरों को खाते हैं। मेंढक, ड्रैगन फ्लाय, चींटी, मकड़ी, छिपकलियां, चमगादड़ आदि जैसे जीवों का भोजन मच्छर या उनका लार्वा होता है। तो अगर मच्छर गायब हो जाएं तो कई जीवों के पास खाने के लिए काफी कम खाना बचेगा। इससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
इसके अलावा कई मच्छर परागन करने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत वो पौधों के पराग लेकर अलग-अलग जगह गिराते चलते हैं जिससे नए पौधे अलग जगहों पर उग जाते हैं। वो मधुमक्खियों की तरह परागन नहीं कर पाते मगर वो जरूरी होते हैं। इसलिए कई वैज्ञानिक ऐसे मच्छरों को तैयार करने में लगे हैं जो मच्छरों की तरह ही हो, दूसरे जीव उन्हें खा सके। जिससे पर्यावरण का ईको सिस्टम बना रहे। लेकिन उनके काटने पर इंसानों का कोई नुकसान न हो या जिनसे कोई बीमारी न हो।