Coronavirus और LAC विवाद के कारण चीन में जोरशोर से नहीं मना योग दिवस
बीजिंग। कोरोनावायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ जारी गतिरोध के कारण चीन में रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पहले की तरह जोरशोर एवं उत्साह के साथ नहीं मनाया गया।
चीन में योग बहुत लोकप्रिय है और देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई समारोह आयोजित कर इसे मनाता रहा है। इस बार योग दिवस पर मुख्य कार्यक्रम ‘इंडिया हाउस’ में मनाया गया, जहां चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने भारतीय एवं विदेशी राजनयिकों और उनके परिवारों के साथ मिलकर योग किया।
मिस्री ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, हमारे सामने मौजूद चुनौतियों के बावजूद हमने बड़े स्तर पर आयोजन करने का विचार किया था, लेकिन बीजिंग में फिर से कोरोनावायरस संक्रमण के हाल में मामले बढ़ने के कारण हमको अपनी योजना में बदलाव करके छोटा समारोह करने का फैसला करना पड़ा।
मिस्री ने कहा, इसके बावजूद, जब इस समारोह की तस्वीरें घर तक पहुंचेंगी, तो भारत में हमारे कई मित्रों को आश्चर्य होगा कि हम न केवल अपने परिवारों के साथ, बल्कि अपने मित्रों के साथ भी बाहर निकलकर योग दिवस मना पाए।
चीन ने वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस संक्रमण को काफी हद तक काबू कर लिया था, लेकिन हालिया सप्ताह में संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। एनएचसी के अनुसार चीन में अब तक संक्रमण के 83,352 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4,634 लोगों की मौत हो गई है।
मिस्री ने कहा, इस समय योग की महत्ता पहले से कहीं अधिक है।कोविड-19 के इस संकट में हम जो तनाव और दबाव झेल रहे हैं, उससे योग पद्धति से संभवत: निपटा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन में कुछ योग संघों ने योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
चीन में योग का प्रचार करने वाली लोकप्रिय संस्था ‘योगी योग’ के संस्थापक मोहन सिंह भंडारी ने बताया कि उसने ऑनलाइन योग सम्मेलन आयोजन किया। चीन ने योग की लोकप्रियता के मद्देजनर भारत के सहयोग से युन्नान प्रांत की राजधानी कुनमिंग स्थित युन्नान मिन्जु विश्वविद्यालय में योग महाविद्यालय की स्थापना की है।
देश में योग इस बार उतने उत्साह से नहीं मनाए जाने का एक कारण पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच सोमवार को हुई हिंसक झड़प है। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद से क्षेत्र में स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।(भाषा)