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Last Modified: शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (01:16 IST)

शहबाज शरीफ ने UN में फिर उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत पर लगाए कई आरोप

Sharif
Pak PM Shahbaz Sharif in United Nations General Assembly: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सालाना संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत पर ‘बड़े पैमाने पर सैन्य क्षमता का विस्तार’ करने व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया।
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मांग की कि भारत को 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए। उन्होंने भारत पर अपनी मुस्लिम आबादी को अधीन करने और इस्लामी विरासत को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। ALSO READ: कठुआ में गरजे CM योगी आदित्यनाथ, कहा- पाकिस्तान के हो जाएंगे 3 टुकड़े
 
पाकिस्तान नियमित रूप से संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाता रहा है। उम्मीद है कि भारत शरीफ के आरोपों के विरोध के लिए अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है। शरीफ ने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू-कश्मीर के लोगों का भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्ष जारी है।
 
कश्मीर के अनुच्छेद 370 का उल्लेख : शरीफ ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों तथा कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी। ALSO READ: आतंकवाद खत्म होने तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं, गोली का जवाब गोले से देंगे, नौशेरा में बोले अमित शाह
 
शरीफ ने करीब 20 मिनट तक दिए अपने भाषण में दावा किया कि शांति की ओर बढ़ने के बजाय, भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कहीं गई है।
 
भारत कर रहा है सैन्य क्षमताओं का विस्तार : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि और भी चिंताजनक बात यह है कि वह अपनी सैन्य क्षमताओं के बड़े पैमाने पर विस्तार करने में लगा हुआ है जो अनिवार्य रूप से पाकिस्तान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसके युद्ध सिद्धांत एक अचानक हमले और परमाणु दबाव के तहत एक सीमित युद्ध की परिकल्पना करते हैं। ALSO READ: India Pakistan Relations : राजनाथ सिंह बोले- पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए भारत तैयार, लेकिन इस शर्त पर
 
शरीफ ने कहा कि भारत ने आपसी सामरिक व्यवस्था के उनके देश के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, और इसके नेतृत्व ने ‘अक्सर नियंत्रण रेखा पार करने’ और जिसे पाकिस्तान ‘आजाद कश्मीर’ कहता है, उस पर कब्जा करने की धमकी दी है। शरीफ ने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रमण का निर्णायक जवाब देगा।
 
भारत इस्लामी विरासत को नष्ट करना चाहता है : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना ऐसा वैश्विक घटनाक्रम है जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू श्रेष्ठतावादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की सबसे चिंताजनक अभिव्यक्ति है। वह आक्रामक रूप से 20 करोड़ मुसलमानों की अधीनता और भारत की इस्लामी विरासत को नष्ट करना चाहता है।
 
संयुक्त राष्ट्र की पिछली बहसों में जम्मू-कश्मीर पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि यह क्षेत्र उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। शरीफ ने गाजा, यूक्रेन और अफगानिस्तान के हालात का भी उल्लेख किया।
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ‘गाजा में इजराइल के नरसंहार युद्ध’, यूक्रेन में एक खतरनाक संघर्ष, अफ्रीका और एशिया में विनाशकारी संघर्ष, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, आतंकवाद का फिर से उभरना, तेजी से बढ़ती गरीबी, गंभीर कर्ज और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया। साथ ही शरीफ ने कहा कि आज, हम विश्व व्यवस्था के लिहाज से सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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