गुफा में मुश्किल में थी 13 लोगों की जान, भारतीय इंजीनियर्स का रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ा योगदान
थाईलैंड की थैम लुआंग गुफा में बीते 18 दिनों से फंसे 12 बच्चों और उनके कोच को काफी मशक्कत के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। तीन दिन तक चला यह रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक का सबसे जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन में भारतीय इंजीनियर्स की भी बड़ी भूमिका थी।
थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों के रेस्क्यू में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी और उनकी टीम का अहम योगदान रहा है। इन्होंने गुफा में फंसे बच्चों के रेस्क्यू के लिए तकनीकी सपोर्ट दिया था।
केबीएल द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'एक्सपर्ट्स की टीम गुफा के पास 5 जुलाई से ही मौजूद थी। बचाव अभियान के दौरान गुफा से कैसे पानी निकाला जाए और पंप से कैसे गुफा को पानी से कम किया जाए, इन सभी चीजों पर टेक्निकल सलाह दी गई। इससे गोताखोरों को बच्चों तक पहुंचने में कम समय लगा।'
उल्लेखनीय है कि गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच 23 जून से फंसे हुए थे। तभी तेज बारिश शुरू हो गई और गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया। ऑपरेशन में कई देशों ने मदद की। थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की थी, ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके। तीन दिन तक चले इस ऑपरेशन में सभी बच्चों और कोच को बचा लिया गया।