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Last Updated :मीना , मंगलवार, 22 सितम्बर 2015 (19:41 IST)

मुसलमानों ने शुरू किया 'हज' का सफर

Hajj
मीना। दुनिया भर से एकत्र लाखों मुसलमानों ने पवित्र मक्का से मीना तक का सफर तय किया और इसके साथ ही वार्षिक हज की शुरूआत हो गई। इसमें डेढ़ लाख से अधिक भारतीय भी शामिल हैं।
हज यात्रियों ने ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ (मैं तुम्हारे पास आया हूं, ऐ मेरे अल्लाह, मैं तुम्हारे पास आया हूं) के उच्चारण के साथ बिना सिले सफेद कपड़े पहने समूहों में मीना की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।
 
हज के दौरान पुरुष, दो टुकड़ों का बिना सिला सफेद कपड़ा पहनते हैं जो कि पवित्रता का प्रतीक होता है, जबकि महिलाएं भी आमतौर पर सफेद कपड़े पहनती हैं और हाथ तथा चेहरे को छोड़कर अपने पूरे शरीर को ढके रहती है। इसे अहराम कहा जाता है।
 
बड़ी संख्या में हज यात्रियों ने मक्का से मीना की अपनी करीब पांच किलोमीटर की यात्रा कल रात ही शुरू कर दी थी जबकि ज्यादातर लोगों ने आज फज्र (सुबह) की नमाज के बाद अपने सफर की शुरुआत की।
 
ज्यादातर हज यात्रियों ने अपना सफर बसों से शुरू किया, जिनका इंतजाम उनके लिए उनके हज मिशनों और सउदी अरब की सरकार ने किया था। वहीं कुछ ने पैदल ही जाना बेहतर समझा। कुछ हज यात्री व्हीलचेयर पर भी देखे गए।
 
मीना में भावनात्मक दृश्य भी देखने में आए, जब यहां पहुंचे कई हज यात्री अपने आंसू नहीं रोक पाए जबकि कई अन्यों ने अल्लाह का शुक्रिया किया कि अल्लाह ने उनके लिए हज करने को मुमकिन बनाया।
 
हज यात्री मीना में कुरान पढ़ते हुए या नमाजें अदा करके रात गुजारेंगे और फिर कल आराफात की पहाड़ी के लिए रवाना होंगे।
 
मीना में हज यात्रियों के ठहरने के लिए एक लाख 60 हजार आग रोधी टेंट हैं। आग से सुरक्षा से उपाय किए गए हैं और पूरी मीना घाटी में पानी की पाइपों का एक एकीकृत नेटवर्क है।
 
आराफात में नमाजें अदा करने के बाद हज यात्री पास के मुजदाफिला जाएंगे और वहां से मीना घाटी में रस्म में अदा करने के लिए कंकड़ इकट्ठे करेंगे। इस रस्म के दौरान पहले कई बार भगदड़ मच चुकी हैं। इससे अगले दिन हज यात्री तीन स्तंभों पर शैतान को सांकेतिक तौर पर कंकड़ मारेंगे। 
 
कंकड़ मारने के बाद हजयात्री पशुओं की कुर्बानी वाली रस्म अदा करेंगे जो पैगम्बर इब्राहिम की अपने इकलौते बेटे इस्माइल को अल्लाह को बलिदान देने की रजामंदी की याद में मनाया जाता है।
 
पैगम्बर इब्राहीम जब हजरत ईस्माइल को कुर्बान करने के लिए जा रहे थे तो जहां शैतान ने उन्हें अल्लाह के हुक्म का पालन करने से रोकने की कोशिश की थी वहां उन्होंने शैतान को कंकड़ मारे थे। उसके प्रतीक के तौर पर कंकड़ मारे जाते है। हज ईद उल-अजहा की कुर्बानी के साथ ही संपन्न हो जाएगा।
 
सउदी अरब सरकार ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। सरकार ने 20 लाख हज यात्रियों के जीवन में एक बार किए जाने वाले सफर को सुरक्षित बनाने के लिए पवित्र स्थलों पर करीब एक लाख वर्दीधारी कर्मियों को तैनात किया है। सउदी सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस साल हज के लिए कुल 13,74,206 हज यात्री विदेशों से पहुंचे हैं।
 
हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है। हर वो मुस्लिम जो आर्थिक और शारीरिक तौर पर सक्षम है, उसे कम से कम जीवन में एक बार हज करना चाहिए। सउदी अरब के शाह सलमान ने संबंधित एजेंसियों को सभी सेवाएं और सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं ताकि हज यात्री आराम और आसानी से हज की रस्में अदा कर सकें।
 
पांच दिवसीय हज के लिए तकरीबन डेढ़ लाख भारतीय भी सउदी अरब में जुटे हैं। सुरक्षा के लिए जिम्मेदार गृह मंत्रालय ने मक्का और मदीना में पांच हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इन कैमरों में आने वाले दृश्यों की 24 घंटे निगरानी की जाती है।
 
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने में सुरक्षा बलों की तैयारी का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल तुर्की ने कहा, ‘हम सक्रिय हैं, हम सचेत हैं।’ दस दिन पहले मक्का की मस्जिद अल हराम में तेज हवाओं की वजह से एक बड़ी क्रेन गिर पड़ी थी, जिसमें 11 भारतीयों सहित 107 लोगों की मौत हुई थी। (भाषा)