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Last Updated : गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (20:52 IST)

7 दिनों में 10 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा, अफगानिस्तान सरकार ने सत्ता साझा करने की पेशकश की

7 दिनों में 10 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा, अफगानिस्तान सरकार ने सत्ता साझा करने की पेशकश की - government takes steps to stop violence in afghanistan offers to sharing power to taliban
काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बीच तालिबान ने गुरुवार को काबुल के निकट एक और प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया और इसे मिलाकर यह आतंकवादी संगठन 7 दिनों में अब तक 10 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है।
हेरात पुलिस मुख्यालय पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है। इस बीच खबरें हैं कि जंग खत्म करने को लेकर अफगानिस्तान ने तालिबान को सत्ता साझा करने की पेशकश की है। तालिबान काबुल की तरफ बढ़ता जा रहा है।
 
हजारों लोगों ने छोड़ा घर : गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ अफगानिस्तान की राजधानी को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राजमार्ग कट गया है। अमेरिका और नाटो के सैनिक करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान आए थे और उन्होंने तालिबान सरकार को अपदस्थ किया था।

अब अमेरिकी बलों की पूरी तरह वापसी से कुछ सप्ताह पहले तालिबान ने गतिविधियां बढ़ा दी हैं। एक तरफ काबुल पर सीधा खतरा है, वहीं गजनी के जाने से तालिबान की देश के करीब दो तिहाई हिस्से पर पकड़ मजबूत होती दिख रही है। यहां हजारों लोग घर छोड़कर जा चुके हैं।
अमेरिकी सेना का ताजा सैन्य खुफिया आकलन बताता है कि काबुल 30 दिन के अंदर चरमपंथियों के दबाव में आ सकता है और मौजूदा स्थिति रही तो तालिबान कुछ ही महीने में पूरे देश पर नियंत्रण हासिल कर सकता है। काबुल के दक्षिणपश्चिम में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गजनी में उग्रवादियों ने श्वेत झंडे फहराए। दो स्थानीय अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि शहर के बाहर स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान और खुफिया ठिकाने पर छिटपुट लड़ाई अब भी चल रही है।
 
तालिबान की ओर से ऑनलाइन वीडियो और तस्वीरें डाली गईं जिनमें उसके लड़ाके गजनी प्रांत की राजधानी गजनी में नजर आ रहे हैं। कई दिनों से जारी लड़ाई पर अफगान सुरक्षा बल और सरकार कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं हैं। संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं।
गजनी प्रांत के परिषद सदस्य अमानुल्ला कामरानी ने एपी को बताया कि शहर के बाहर बने दो बेस अब भी सरकारी बलों के कब्जे में हैं। इस बीच, अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है। हेलमंड से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था। गुरुवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है।
 
हवाई हमले कर रही है सरकार : नियाजी ने बताया कि प्रांतीय कारागार पर भी आत्मघाती कार बम हमला हुआ हालांकि इस पर अब भी सरकारी बलों का कब्जा है। लेकिन तालिबान बीते एक हफ्ते में अपने सैकड़ों आतंकवादियों को छुड़वा चुका है तथा हथियारों और वाहनों पर कब्जा कर चुका है। नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है। माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है। अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। (एजेंसियां)
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