डोनाल्ड ट्रंप बोले, लोकतंत्र के लिए खाई गोली
US election : पेनसिल्वेनिया में एक कार्यक्रम में हुए जानलेवा हमले में बाल-बाल बचने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पहली चुनाव प्रचार रैली में आलोचकों की इन चिंताओं को खारिज किया कि वह लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार ने दावा किया कि उन्होंने लोकतंत्र के लिए गोली खाई।
मिशिगन में शनिवार को हुई रैली में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस भी थे। ग्रैंड रैपिड्स के वैन एंडेल एरिना में ट्रंप और वेंस को देखने के लिए 12,000 से अधिक लोग इकट्ठे हुए।
ट्रंप (78) ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि वे कहते रहते हैं कि वह (ट्रंप) लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। मैं कहता हूं कि मैंने लोकतंत्र के खिलाफ क्या किया है? मैंने पिछले सप्ताह लोकतंत्र के लिए गोली खाई।
उन्होंने अपने हजारों समर्थकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि मैंने लोकतंत्र के खिलाफ क्या किया? यह पागलपन है।
पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर एक बंदूकधारी ने कई गोलियां चलाई थीं। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति ने ट्रंप के एजेंडे का समर्थन करने के लिए अमेरिकी संघीय सरकार को नया स्वरूप देने के लक्ष्य से बनाई गई रूढ़िवादी हेरिटेज फाउंडेशन की परियोजना 2025 पर भी बात की, जिसके बारे में उनके प्रतिद्वंद्वियों का दावा है कि यह पहल लोकतंत्र के लिए खतरा है।
ट्रंप ने इस परियोजना से खुद को अलग करते हुए कहा कि मैं इसके बारे में कुछ जानना नहीं चाहता, लेकिन वे गलत सूचना और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं।
कान पर पट्टी बांधकर आए ट्रंप ने करीब दो घंटे तक भाषण दिया और बटलर मेमोरियल अस्पताल के कर्मियों का आभार जताया, जहां उन्हें पेनसिल्वेनिया में उनकी रैली में गोलीबारी की घटना के बाद ले जाया गया था।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए अपने ही प्राइमरी नतीजों को पलटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप देख रहे हैं, डेमोक्रेट पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी नहीं है। वे वास्तव में लोकतंत्र के दुश्मन हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta