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Last Modified: सोमवार, 1 मई 2023 (22:58 IST)

चीन ने फिर की चालबाजी, UNSC में सुधार की पैरवी की, लेकिन भारत के शामिल होने के सवाल पर साधी चुप्पी

चीन ने फिर की चालबाजी, UNSC में सुधार की पैरवी की, लेकिन भारत के शामिल होने के सवाल पर साधी चुप्पी - china demands representation to developing countries in unsc reforms silent on name of india
  • सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य
  • चीन भी स्थायी सदस्यों में शामिल
  • सदस्यता पाने में भारत सबसे पहले

बीजिंग। China in UNSC : चीन की चालबाजी एक बार फिर सामने आई है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों को लेकर अपना रुख बरकरार रखते हुए कहा है कि विकासशील देशों, खासकर छोटे और मध्यम देशों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, लेकिन उसने भारत और अन्य देशों की इस अपील पर सीधे प्रतिक्रिया देने से परहेज किया कि विश्व निकाय की शीर्ष इकाई का विस्तार किया जाना चाहिए और इसमें उन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए।
 
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय निदेशक वांग यी ने शनिवार को बीजिंग में यूएनएससी सुधारों पर अंतर सरकारी वार्ता (आईजीएन) के सह-अध्यक्ष तारेक एमएएम अल्बानाई और अलेक्जेंडर मार्शिक से मुलाकात की और विश्व निकाय के शीर्ष अंग के पुनर्गठन पर चीन के रुख को रेखांकित किया।
 
फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ-साथ चीन भी 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का स्थायी एवं वीटो शक्ति प्राप्त सदस्य है।
 
सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य हैं जबकि शेष 10 सदस्यों को दो साल की अवधि के लिए गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में चुना जाता है और उनके पास वीटो शक्ति नहीं होती।
 
परिषद में सुधार संबंधी वर्षों के प्रयासों में भारत सबसे आगे रहा है और वह यह कहता रहा है कि नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष इकाई में स्थायी सदस्य के रूप में जगह पाने का वास्तविक हकदार है।
 
आईजीएन प्रतिनिधियों के साथ अपनी बातचीत में वांग ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सुधार में निष्पक्षता और न्याय बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए, विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना चाहिए, छोटे और मध्यम आकार के देशों को इसमें भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
 
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने वांग के हवाले से कहा कि आशा है कि सह-अध्यक्ष गड़बड़ी को दूर करने और आम सहमति बनाने के लिए सभी पक्षों का मार्गदर्शन करेंगे, ताकि सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से व्यापक रूप से मान्यता मिले और परिणाम इतिहास की कसौटी पर खरे उतरें।
 
गत 25 अप्रैल को, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यूएनएससी में कहा था कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को वैश्विक निर्णय लेने से बाहर रखा गया है, तो संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय में सुधार की भारत की मांग सही है।
 
जी-4 देश- भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए एक-दूसरे के प्रयासों का समर्थन करते रहे हैं।
 
यूएनएससी में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस से व्यापक समर्थन मिला है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma
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