रविवार, 13 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. big jolt to china on trump tariff, how one decision change equation
Last Modified: शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (11:30 IST)

भारत को टैरिफ छूट से चीन को बड़ा झटका, ट्रंप के एक फैसले ने बदले समीकरण

75 देशों पर नरमी दिखाकर अमेरिका ने बढ़ाई चीन की मुश्किल। चीन को आयात पर भारत से 135 फीसदी ज्यादा टैक्स लगेगा।

trump modi jinping
US China Tariff War : अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर भारत को राहत और चीन पर सख्ती से फिलहाल समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। भारत पर अब केवल 10 फीसदी बेसलाइन टैक्स लगेगा और चीन को 135 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा। टैरिफ पर राहत मिलने से 75 देशों का रवैया अमेरिका के प्रति नरम हो गया है। ALSO READ: अमेरिका चीन टैरिफ संग्राम: ट्रंप के टैरिफ युद्ध से घबराए चीन ने भारत से मांगा समर्थन
 
अमेरिका द्वारा आयात पर 145 फीसदी टैरिफ की घोषणा के बाद चीन ने भी अपना प्लान ऑफ एक्शन तैयार कर लिया है। चीन ने अमेरिका से निपटने के लिए कई देशों से संपर्क साधा है। हालांकि अमेरिका के कड़े रवैये की वजह से चीन को अन्य देशों से जुड़ने में कोई खास सफलता नहीं मिल रही है।

अधिकतर देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध के केन्द्र में आए चीन के साथ गठजोड़ के इच्छुक नहीं प्रतीत हो रहे हैं। अमेरिका ने भी 75 देशों को टैरिफ में राहत देकर साफ कर दिया है कि उस पर जवाबी टैक्स नहीं लगाने वाले देशों से समझौते के लिए वह तैयार है। इस तरह यूरोपीय देशों को भी फिलहाल टैरिफ से राहत मिल गई है। ALSO READ: ट्रंप टैरिफ पर राहत से झूमा मुंबई शेयर बाजार, Sensex 1431 और Nifty 460 अंक उछला
 
क्यों निर्यात बढ़ना चाहता है चीन : अब चीन अन्य देशों में निर्यात बढ़ाकर अमेरिकी टैरिफ का सामना करने की कोशिश करेगा। वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश जैसे ज्यादा टैरिफ वाले देशों पर भी उसकी नजरें हैं। अब चीनी कंपनियां डिसकाउंट देकर, सामान सस्ता कर दुनियाभर में ग्राहकों का दिल जीतने का प्रयास करेगी।

इस बीच चीनी कंपनियों ने भारत के लिए 5 फीसदी डिस्काउंट ऑफर किया है। इससे भारत में चीन से आयातीत टीवी, फ्रीज समेत कई सामान सस्ते हो सकते हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि अमेरिका से सख्ती के बीच क्या भारत चीन के डिस्काउंट का फायदा उठाना चाहेगा।
 
चीन की इन देशों पर नजर : चीन ने अब यूरोप पर ध्यान केंद्रित किया है। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच फोन पर बातचीत हुई। इसके जरिए दुनिया को एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई है। दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि चीन और यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच जो समझ बनी है उस पर मिल कर अमल किया जा सके। चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ ने आसियान देशों से भी बात की है।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन ने कहा कि चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा और चीनी लोगों को वैध अधिकारों और हितों से वंचित नहीं होने देगा, न ही हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमज़ोर होने देंगे।
 
भारत की चीन से दूरी : बहरहाल टैरिफ को लेकर भारत ने पूरी तरह वेट एंड वॉच की नीति अपना रखी है। उसने अमेरिका के विरोध में अब तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है। उलटे भारतीय नेताओं के बयान बता रहे हैं कि वह बातचीत से ही इस मसले का हल निकालना चाहते हैं। यही वजह है कि भारत ने सहयोग संबंधी चीन के आह्वान को तवज्जो नहीं दी है। वहीं चीन का करीबी देश रूस पूरे परिदृश्य में कहीं नहीं है।
edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
LIVE: पीएम मोदी ने वाराणसी को दी 3,880 करोड़ की 44 परियोजनाओं की सौगात